KKN गुरुग्राम डेस्क | भारत के कई राज्यों में गर्मी का सितम जारी है, और अब भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली सहित 14 राज्यों में लू के दौर की शुरुआत की घोषणा की है। 25 अप्रैल 2025 से दिल्ली में भी तापमान में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है, जिसके चलते तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। IMD ने इन राज्यों में हीटवेव के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जो अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। इस लेख में हम आपको लू के दौर के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे, साथ ही उन उपायों के बारे में भी बताएंगे जो इस गर्मी में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनाए जाने चाहिए।
भारतीय मौसम विभाग ने 25 अप्रैल से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लू का दौर शुरू होने का अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, यह लू का प्रभाव मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, विदर्भ, बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा। इन राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने का अनुमान है, जिससे गर्मी और अधिक बढ़ेगी।
दिल्ली और एनसीआर: दिल्ली में आज से तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। इस दौरान, दिन में तेज गर्म हवाएं चल सकती हैं, जिससे उमस भी महसूस हो सकती है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान: इन राज्यों में तापमान 42 डिग्री के आसपास रहेगा। दिन में बेहद गर्म और शुष्क मौसम रहने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश और बिहार: इन क्षेत्रों में भी लू का प्रभाव रहेगा, और यहां के कई जिलों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है।
पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल: इन राज्यों में भी गर्मी का असर देखा जाएगा, और यहां के तापमान में वृद्धि हो सकती है।
लू का प्रमुख कारण तापमान में वृद्धि और आकाश से तेज गर्म हवाओं का बहाव है, जो मुख्य रूप से थार मरुस्थल से आती हैं। इसके अलावा, इस समय बारिश की कमी और वातावरण में नमी का अभाव भी इस गर्मी को और बढ़ा रहे हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक स्थिति में सुधार की संभावना नहीं है, और तेज गर्मी बनी रहेगी।
भारतीय मौसम विभाग ने उन क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सलाह दी है कि वे लू से बचने के लिए पूरी सावधानी बरतें। निम्नलिखित सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी गई है:
पानी का सेवन बढ़ाएं: लू के दौरान शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए, नियमित रूप से पानी पीते रहें। नारियल पानी, छाछ, और ORS जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स वाले पेय पदार्थों का सेवन करें।
सीधे सूर्य के संपर्क से बचें: सूरज की तेज़ किरणों से बचने के लिए दोपहर 11 बजे से लेकर 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर जाना पडे़ तो हैट पहनें, हल्के कपड़े पहनें और सनस्क्रीन लगाकर ही बाहर निकलें।
ठंडक बनाए रखें: अगर आपके पास एयर कंडीशनिंग या कूलर है तो इसका उपयोग करें। यदि ऐसा संभव नहीं है तो घर में पंखे का इस्तेमाल करें और पर्दे लगाकर सूरज की रोशनी से बचें।
शारीरिक श्रम से बचें: लू के समय शारीरिक श्रम से बचना चाहिए। अगर आपको व्यायाम करना ही है तो यह सुबह जल्दी या शाम को जब तापमान कम हो, तब करें।
जागरूकता फैलाएं: विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं का ख्याल रखें क्योंकि वे अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्हें घर के अंदर ही ठंडक रखने का प्रयास करें।
लू से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है, और यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। खासतौर पर गर्मी में हीट स्ट्रोक और हीट एक्सहॉस्टशन जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
हीट स्ट्रोक: यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसमें शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँच जाता है। इसके लक्षणों में उलझन, तेज़ धड़कन, बेहोशी, और गर्म, सूखी त्वचा शामिल हैं। यदि समय पर इलाज नहीं किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।
हीट एक्सहॉस्टशन: यह लू के कारण होने वाली एक सामान्य बीमारी है, जिसमें अत्यधिक थकावट, चक्कर आना, सिरदर्द, और मिचली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में व्यक्ति को तुरंत ठंडे स्थान पर ले जाकर पानी पीने की आवश्यकता होती है।
डिहाइड्रेशन: लू के दौरान शरीर से अत्यधिक पसीना निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इस स्थिति को डिहाइड्रेशन कहा जाता है, और इसके लक्षणों में सूखी त्वचा, चक्कर आना, और कमजोरी शामिल हो सकती है।
हालांकि IMD के अनुसार लू का असर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना भी जताई गई है। Skymet के अनुसार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और बिहार में अगले कुछ दिनों में हल्की बारिश हो सकती है, जो गर्मी से थोड़ी राहत दे सकती है। हालांकि, यह बारिश गर्मी को पूरी तरह से समाप्त नहीं करेगी, और लू की स्थिति अभी भी बनी रहेगी।
लू के कारण कृषि पर भी बुरा असर पड़ सकता है, खासकर उन फसलों पर जो गर्मी के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। विशेष रूप से गेहूं, दाल, और अन्य गर्मी में उगने वाली फसलों को नुकसान हो सकता है। किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की रक्षा के लिए उचित उपाय करें, जैसे कि सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था करना और फसलों को धूप से बचाने के लिए शेड नेट का उपयोग करना।
लू का असर न केवल सेहत पर बल्कि सामान्य जीवन पर भी देखा जाएगा। गर्मी के चलते सार्वजनिक परिवहन की मांग बढ़ने की संभावना है, और बिजली की खपत में भी वृद्धि हो सकती है। बिजली की आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आए, इसके लिए उचित उपाय किए जाने की जरूरत है।
लू के दौर में अपनी सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि हम सावधान रहें और उपरोक्त सुरक्षा उपायों का पालन करें। इस प्रकार की मौसम स्थिति से निपटने के लिए पानी का सेवन अधिक करें, बाहरी गतिविधियों से बचें, और बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें। IMD द्वारा जारी की गई लू की चेतावनी को गंभीरता से लें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।
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