आखिर 26 जनवरी के दिन ही हम गणतंत्र दिवस (Republic Day) क्यों मनाते है? संविधान सभा का गठन कब हुआ था? संविधान सभा के अंतर्गत अन्य विभाग। हमारे संविधान निर्माता।
हर साल हम बड़े ही धूमधाम से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप मे मनाते है। इस दिन हमे हर गली-मोहल्ले, चौक-चौराहे पर कुछ और मिले न मिले पर लहराता हुआ तिरंगा जरूर ही मिल जाता है। हम एक ऐसे देश (भारत) मे रहते हैं जहाँ तिरंगे को पूजा जाता है। हम सभी अपने देश से बहुत प्यार करते है। 26 जनवरी के दिन हम बड़े ही हर्षोल्लास से तिरंगा झण्डा फहराते है। खुद तो जलेबी खाते ही है और लोगों मे भी बांटते है। इतनी खुशी जाहीर करने के बाद भी, क्या हम सभी ये जानते है की 26 जनवरी के दिन ही हम अपना गणतंत्र दिवस क्यूँ मानते है?
यह सवाल है तो बहुत ही आसान पर हम मे से कुछ ही लोग इसका जबाब जानते है। सुनने मे थोड़ा अजीब है पर यही सच है। सभी कहते है की देश से बहुत प्यार करते है, और करते भी है लेकिन इस बात से अनजान है। भारत मे लोग कुछ जानने से ज्यादा मानने मे यकीन रखते है। यही कारण है की हम परंपरागत रूप से हर 26 जनवरी को धूमधाम से तिरंगा फहराते है। बहुत से लोग जानते भी है मगर न जानने वालों की संख्या भी बहुत ही ज्यादा है।
26 जनवरी 1950, के दिन ही हमारा भारतीय संविधान लागू हुआ था। इसीलिए हर साल 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप मे मनाते है। इसी दिन भारत ने अपने नियम-कानून आधिकारिक तौर पर अपने देश मे लागू किया था और भारत गणतंत्र हो गया था। इसीलिए प्रतीक के तौर पर इस दिन हम हमारा राष्ट्रीय झण्डा यानी तिरंगा फहराते है।
वैसे तो 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ, लेकिन आजादी मिलने से पहले ही हमने हमारे देश को पूर्ण स्वराज घोषित कर लिया था। 26 जनवरी 1930 को ही काँग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराकर हमारे देश को पूर्ण स्वराज घोषित कर लिया था और इसके बाद ही हम 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस के रूप मे मनाने लगे थे। स्वाधीनता दिवस मनाने का यह क्रम 26 जनवरी 1949 तक चला। इसी बीच 1946 मे संविधान सभा का गठन किया गया। लगभग 2 साल 11 महीना 18 दिन बाद भारतीय संविधान बनकर तैयार हो गया। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ था , इसीलिए इस दिन को संविधान दिवस कहा जाता है। इस दिन हमारा संविधान बनकर तैयार तो हो गया लेकिन हमने इसे लागू न करके इसे 2 महिना आगे कर दिया। हम स्वाधीनता दिवस को कभी भूल न पाए बस इसीलिए स्वाधीनता दिवस की तारीख को ही हमने हमारा गणतंत्र दिवस घोषित कर दिया। 26 जनवरी 1950, संविधान लागू होने के साथ ही हमारा गणतंत्र दिवस बन गया। बस इस बात को याद करते हुए हम हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मानते है।
संविधान सभा का गठन दिसम्बर 1946 को हुआ था।
26 जनवरी 1950 – संविधान लागू ।
चूंकि हमारा संविधान विभाजन से पहले ही बनना प्रारंभ हो गया था, इसलिए उस वक्त सदस्यों की संख्या 389 थी। 1947 मे विभाजन के पश्चात ये संख्या घटकर 299 हो गई, जिसमे 8 महिलाये भी शामिल थी। संविधान का निर्माण पूरा होते- होते 15 लोगों की मृत्यु हो चुकी थी। अतः संविधान निर्माण पूर्ण होने के पश्चात इसपर कुल 284 लोगों के हस्ताक्षर ही देखने को मिलते हैं।
हमारे संविधान निर्माण में नेहरू जी, सरदार पटेल, के एन मुंशी, बी आर अंबेडकर, जे बी कृपलानी, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, बी एन राव (सलाहकार) तथा अन्य लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन सभी लोगों का योगदान अविस्मरणीय है।
अतः हमें इस संविधान की गरिमा बनाए रखनी चाहिए और विनम्रता से इसका पालन भी करना चाहिए।
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