मुंबई पिछले चार दिनों से लगातार भारी बारिश की चपेट में है। शहर की कई सड़कों पर जलभराव के हालात बने हुए हैं। मंगलवार को हालात बिगड़ने के बाद प्रशासन ने सभी स्कूलों, कॉलेजों और कई सरकारी दफ्तरों में छुट्टी घोषित कर दी। वहीं, प्राइवेट कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को Work From Home का निर्देश दिया ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।
भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को शहर के लिए Red Alert जारी किया। बुधवार को Orange Alert और गुरुवार के लिए Yellow Alert की घोषणा की गई है। हालांकि, राहत की खबर यह है कि मीठी नदी का जलस्तर कुछ कम हुआ है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि शुक्रवार से बारिश की तीव्रता घट सकती है।
भारी बारिश का असर मुंबई की Life Line कही जाने वाली लोकल ट्रेनों पर भी पड़ा। ठाणे से CST जाने वाली कई ट्रेनें जलभराव के कारण रद्द कर दी गईं। रोजाना लाखों यात्रियों को यह ट्रेनें शहर की सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा। BEST बसों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई, लेकिन हाईवे और मुख्य सड़कों पर जाम की वजह से लोगों को घंटों सफर करना पड़ा।
सोमवार को बारिश के बीच दो स्कूली बसें पानी में फंस गईं। पहली घटना माटुंगा में हुई जहां Don Bosco School की बस फंस गई। इसमें 6 छोटे बच्चे, दो महिला स्टाफ और ड्राइवर मौजूद थे। सभी लगभग एक घंटे तक पानी में फंसे रहे।
इसके अलावा Sion पुलिस स्टेशन के पास NKES School की एक और बस फंस गई जिसमें 30 से 40 बच्चे मौजूद थे। सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और सभी बच्चों व स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाला। बाद में उनके Parents को सूचना देकर बच्चों को सुरक्षित घर भेज दिया गया।
लगातार हो रही बारिश ने मुंबई के आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में घरों के अंदर पानी भर गया और पहली मंजिल तक पानी पहुंचने की खबरें आईं।
बाजार बंद रहे और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बाधित हो गई।
सब्जियों और दूध जैसी चीजों की कीमतें अचानक बढ़ गईं।
लोग सिर्फ उन्हीं दुकानों से खरीदारी कर पाए जो किसी तरह खुले रह सके।
नगर निगम (BMC) ने मंगलवार को शहर के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का फैसला लिया। विश्वविद्यालयों ने परीक्षाएं भी स्थगित कर दीं। कई सरकारी दफ्तर बंद रहे जबकि प्राइवेट कंपनियों ने कर्मचारियों को Work From Home की सुविधा दी।
प्रशासन ने साफ किया कि कारोबार पर असर जरूर पड़ेगा, लेकिन लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता है।
BMC के कर्मचारी और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार राहत कार्य में जुटी हुई हैं। कई जगहों पर पानी निकालने के लिए पंप लगाए गए, लेकिन बारिश की तीव्रता इतनी अधिक रही कि हालात काबू में नहीं आ सके।
मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा कर अधिकारियों को Rescue Operation और मदद के निर्देश दिए। हेल्पलाइन नंबर जारी कर लोगों से संपर्क बनाए रखने की अपील की गई।
जलभराव की वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों ने डेंगू, मलेरिया और अन्य संक्रमण फैलने की आशंका जताई है।
लोगों को उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पीने की सलाह दी गई।
गंदे पानी से दूर रहने और स्वच्छता बनाए रखने पर जोर दिया गया।
अस्पतालों को सतर्क रहने और किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया।
सोशल मीडिया पर #MumbaiRains और #MumbaiFloods ट्रेंड कर रहे हैं। लोग अपने अनुभव साझा कर रहे हैं और तस्वीरें व वीडियो अपलोड कर रहे हैं।
कुछ लोग प्रशासन को Drainage System में कमी के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो कुछ पुलिस और राहत टीमों की तेजी से की गई कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं।
मुंबई हर साल Monsoon में जलभराव की समस्या से जूझती है। साल 2005 की बाढ़ अब भी लोगों की यादों में ताजा है। तबसे Drainage System सुधारने के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन हालात हर साल बिगड़ते ही हैं।
शहरीकरण और प्राकृतिक जलमार्गों पर अतिक्रमण को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार तक भारी बारिश जारी रह सकती है। शुक्रवार से कुछ राहत मिलने की संभावना है। लेकिन पानी से भरे इलाकों को सामान्य होने में समय लग सकता है।
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