KKN Special

मीनापुर में तबाही का कारण बना बूढ़ी गंडक का खुला तटबंध

बांध का निर्माण होने से टल सकता है खतरा

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर में बूढ़ी गंडक का खुला तटबंध बाढ़ की तबाही का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। बावजूद इसपर न तो कोई जन प्रतिनिधि और न ही अधिकारी कोई ठोस पहल करना चाह रहे हैं। इसका नतीजा है कि साल दर साल यहां की बड़ी आबादी बूढ़ी गंडक के कहर को झेलने के लिए अभिशप्त है।

जानकारी के मुताबिक मीनापुर से हरशेर तक बूढ़ी गंडक का वायां तटबंध करीब 11 किलोमीटर की दूरी में खुला छोड़ दिया गया है। इस कारण से बूढ़ी गंडक नदी में उफान आते ही बाढ़ का पानी मीनापुर के गांवों में फैलने लगता है और इससे जबरदस्त तबाही मच जाती है।
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री दिनेश प्रसाद का आरोप है कि शहर व दूसरे इलाके को बचाने के लिए जानबूझ कर यहां तटबंध का निर्माण नहीं कराया गया है। बहरहाल, बूढ़ी गंडक नदी का यह खुला तटबंध अब मीनापुर के लोगों को डराने लगा है। मीनापुर में बाढ़ का सबसे बड़ा कारण यह खुला बांध ही है। जुलाई माह आते ही मीनापुर के लोगों को बाढ़ का खतरा सताने लगता है। नदी के किनारे बसे लोग पलायन करने को मजबूर होते हैं। पिछले वर्ष आयी बाढ़ ने प्रखंड की एक पंचायत को छोड़ बाकी के सभी 27 पंचायतों में भारी तबाही मचाई थी। इस बार भी अगर जलस्तर खतरे के निशान को पार किया, तो इलाके में बाढ़ तबाही मचाएगी।
तटबंध निर्माण नहीं होने से लोगों में आक्रोश
मीनापुर में बूढ़ी गंडक का खुला तटबंध अब लोगों के आक्रोश का कारण बन सकता है। बाढ़ की तबाही झेल रहे रघई के मुखिया चन्देश्वर साह कहतें हैं कि यदि शीघ्र ही बूढ़ी गंडक के इस खुले तटबंध को बांधा नहीं गया तो यहां के बाढ़ पीड़ित जन आंदोलन शुरू कर देंगे। ग्रामीणों ने बताया कि बायां तटबंध खुला होने से बूढ़ी गंडक का पानी सीधे मीनापुर की 27 पंचायतों में प्रवेश कर तबाही मचाती है। बाढ़ से यहां करोड़ों की फसल क्षति ही नहीं बल्कि, बड़ी संख्या में जानमाल का भी नुकसान होता है। राहत के नाम पर प्रत्येक साल प्रशासनिक हलको में लूट मची रहती है। आखिरकार, आम लोगों को ही इसका खामियाजा उठना पड़ता है। पिछले वर्ष बाढ़ राहत को लेकर लंबे समय तक लोगों ने प्रखंड मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया था।
टूट सकता है किसानो का सब्र
मीनापुर में बूढ़ी गंडक के खुले तटबंध को शीघ्र बांधा नहीं गया तो किसानो का सब्र टूट जाएगा। प्रशासन की उदासीनता के कारण लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। लोग पलायन करने को मजबूर हैं। नीरज कुमार, समन्वयक किसान क्लब, अलीनेउरा
बांध को तत्काल निर्माण
सरकार और प्रशासन को समय रहते उपाय करना चाहिए। ताकि, मीनापुर के लोगों को बाढ़ की तबाही से बचाया जा सके। 11 किमी में बांध के निर्माण हो जाने से लाखों की आबादी बाढ़ के संकट से उबर जाएगी। राजकुमार साह, सहवाजपुर

This post was published on जून 25, 2018 11:00

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Show comments
Published by
KKN न्‍यूज ब्यूरो

Recent Posts

  • Politics

उत्तर प्रदेश की नई डिजिटल मीडिया पॉलिसी पर असदुद्दीन ओवैसी का हमला: नाकामियों पर पर्दा डालने का प्रयास या सूचना प्रसार का साधन?

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जारी की गई नई डिजिटल मीडिया पॉलिसी ने… Read More

अगस्त 29, 2024
  • Videos

क्या प्रधानमंत्री मोदी का यूक्रेन दौरा भारत के लिए सही कदम है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा क्यों हुआ, और इससे भारत और दुनिया को क्या… Read More

अगस्त 28, 2024
  • Videos

चोल राजवंश की अनसुनी दास्तान: दक्षिण भारत के स्वर्णिम युग का चौंकाने वाला इतिहास

इतिहास के पन्नों से आज हम आपको चोल राजवंश के अद्वितीय स्वर्णिम कालखंड की जानकारी… Read More

अगस्त 21, 2024
  • Society

मीनापुर के क्रांति महोत्सव को राजकीय सम्मान दिलाने की होगी कोशिश: सांसद

16 अगस्त 1942 को मीनापुर थाना को करा लिया था आजाद KKN न्यूज ब्यूरो। वैशाली… Read More

अगस्त 17, 2024
  • Videos

आजादी की वो आखिरी रात: विभाजन का दर्द और नए युग की शुरुआत

14 अगस्त 1947 की रात, जब भारत गुलामी की जंजीरों को तोड़ आजादी की दहलीज… Read More

अगस्त 14, 2024
  • Videos

Bihar के Lasadhi गांव का बलिदान: भारत छोड़ो आंदोलन की दूसरी कड़ी

9 अगस्त 1942 की सुबह, जब भारत छोड़ो आंदोलन की लहर पूरे देश में फैल… Read More

अगस्त 7, 2024