KKN गुरुग्राम डेस्क | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए एक आतंकवादी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल हैं। यह हमला जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद का सबसे बड़ा जानलेवा हमला है। इस हमले ने पूरे देश को चौंका दिया है और एक बार फिर कश्मीर में हिंसा की वापसी को दिखाया है। यह हमला उस वक्त हुआ है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब में दो दिवसीय दौरे पर थे और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में चार दिवसीय दौरे पर थे।
इस हमले ने पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर के बयान और हमले की समयसीमा ने इस हमले को और भी विवादास्पद बना दिया है।
यह हमला मंगलवार को पहलगाम में हुआ, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, जो कश्मीर की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए आए थे। हमलावरों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिससे कई लोगों की जान चली गई और अन्य घायल हो गए। हमला के बाद, घायलों को अनंतनाग के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
यह हमला जम्मू-कश्मीर में कई वर्षों के बाद हुए आतंकी हमलों की एक गंभीर reminder है। इस हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
इस हमले के बाद, पाकिस्तान से कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने ट्विटर पर कहा कि पाकिस्तान भारतीय दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान का जवाब सख्त होगा। वहीं, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता शेररी रहमान ने हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि भारत बिना किसी जांच के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया जा रहा है।
पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर के कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की “गले की नस” बताया था, और कहा था कि कोई भी ताकत कश्मीर को पाकिस्तान से अलग नहीं कर सकती। इस बयान के बाद कश्मीर में हिंसा की आशंका और भी बढ़ गई है, क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
पाकिस्तान में इस हमले के बारे में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। पाकिस्तान के पत्रकार सिरिल अलमेइदा ने ट्वीट किया कि अगर भारत यह तय कर ले कि इस हमले के पीछे कौन था और जवाबी कार्रवाई करनी है, तो क्या कोई इसे रोक पाएगा? वहीं, पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ आयशा सिद्दीका ने भी यह चिंता जताई कि इस हमले के बाद पाकिस्तान की आक्रामकता और भी बढ़ सकती है।
इसके अलावा, पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक नेता जनरल मुनीर के बयान से भी चिंतित हैं। पाकिस्तान में कुछ लोग यह मानते हैं कि जनरल मुनीर के बयान से पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के खिलाफ नफरत फैल सकती है, जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हैं। यह स्थिति पाकिस्तान के अंदर भी तनाव को बढ़ा सकती है।
भारत ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसकी जिम्मेदारी आतंकवादियों पर डाली है। भारतीय सुरक्षा बलों ने पहलगाम और उसके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर स्थिति का जायजा लिया और पाकिस्तान से इस प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने की मांग की।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी सरजमीं से आतंकवादियों को शरण न मिले। उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कश्मीर में शांति को बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील की।
पहलगाम में हुए इस हमले के कई व्यापक प्रभाव हो सकते हैं। सबसे पहले, यह कश्मीर में पर्यटकों की संख्या को प्रभावित कर सकता है। कश्मीर में हाल ही में पर्यटन उद्योग में तेजी देखी गई थी, लेकिन इस प्रकार के हमले से पर्यटकों का विश्वास डगमगा सकता है। कश्मीर की खूबसूरती और शांति के लिए प्रसिद्ध इस क्षेत्र में ऐसी घटनाएं उसे असुरक्षित बना सकती हैं।
दूसरे, यह हमला भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों को और तनावपूर्ण बना सकता है। दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव पहले से ही था, और इस हमले ने एक बार फिर से दोनों देशों के बीच शत्रुता को बढ़ा दिया है। पाकिस्तान से की जा रही बयानों के कारण युद्ध का खतरा और बढ़ सकता है।
पहलगाम में हुए इस हमले के बाद भारतीय और पाकिस्तान के बीच की राजनीतिक स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो सकती है। भारतीय सुरक्षा बलों ने हमले के बाद सतर्कता बढ़ा दी है और अब कश्मीर में होने वाली किसी भी हिंसक घटना से निपटने के लिए तैयार हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को देखते हुए, यह हमला भविष्य में किसी बड़े संघर्ष का कारण बन सकता है। हालांकि, यह भी देखा जा सकता है कि इस हमले के बाद दोनों देशों के लिए कश्मीर मुद्दे को और अधिक गंभीरता से हल करने की आवश्यकता होगी।
पहलगाम में हुए इस आतंकवादी हमले ने एक बार फिर से कश्मीर में हिंसा की समस्या को सामने ला दिया है। यह हमला न केवल भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती है, बल्कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्तों पर भी असर डालने वाला है। यह समय है कि भारत और पाकिस्तान दोनों को इस स्थिति को शांतिपूर्वक हल करने के प्रयासों में शामिल होना चाहिए, ताकि क्षेत्र में शांति स्थापित की जा सके और ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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