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सोनू निगम ने जताई निराशा, पद्म पुरस्कारों से वंचित रहे इन महान गायकों को लेकर उठाए सवाल

KKN गुरुग्राम डेस्क | हाल ही में, प्रसिद्ध गायिका सोनू निगम ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी निराशा व्यक्त की कि भारत के कुछ सबसे बड़े और प्रतिष्ठित गायकों को अब तक पद्म पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया है। सोनू निगम ने विशेष रूप से अलका याग्निक, श्रेया घोषाल, सुनीधी चौहान और किशोर कुमार जैसे गायकों का नाम लिया, जो भारतीय संगीत उद्योग के आइकॉनिक चेहरे रहे हैं, लेकिन इन महान गायकों को अब तक पद्म पुरस्कार नहीं मिला है। सोनू निगम ने इस वीडियो में सवाल उठाया कि इन गायकों के योगदान को क्यों नजरअंदाज किया गया है, जबकि वे भारतीय संगीत के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं।

पद्म पुरस्कारों का महत्व

पद्म पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है, जो कला, विज्ञान, समाज सेवा और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन व्यक्तियों को सम्मानित करना है जिन्होंने समाज और देश की सेवा में उल्लेखनीय कार्य किया हो। हालांकि, कई कलाकारों और व्यक्तियों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, लेकिन कुछ प्रमुख कलाकारों, विशेषकर संगीत क्षेत्र के गायकों को अब तक इस सम्मान से वंचित रखा गया है। सोनू निगम ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की है।

सोनू निगम की चिंता: गायकों को पहचान मिलनी चाहिए

सोनू निगम ने अपने वीडियो में खासतौर पर किशोर कुमार और मुहम्मद रफी जैसे गायकों का उल्लेख किया, जिनका भारतीय संगीत उद्योग में अतुलनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा, “ऐसे दो गायक हैं जिन्होंने पूरी दुनिया के गायकों को प्रेरित किया है। एक को तो हमने पद्म श्री से नवाजा है, वह हैं मुहम्मद रफी। और दूसरे को पद्म श्री भी नसीब नहीं हुआ, वह हैं किशोर कुमार। पद्म पुरस्कार तो मरणोपरांत मिल रहे हैं न?” सोनू निगम का यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय संगीत के इन महान हस्तियों को वह सम्मान क्यों नहीं मिला, जो उन्हें मिलना चाहिए था।

किशोर कुमार और मुहम्मद रफी का योगदान

किशोर कुमार और मुहम्मद रफी भारतीय संगीत उद्योग के दो सबसे बड़े सितारे रहे हैं। इन दोनों गायकों ने न केवल भारतीय फिल्म संगीत को नया आयाम दिया, बल्कि उन्होंने अपनी आवाज से लाखों दिलों में एक खास जगह बनाई। किशोर कुमार का संगीत की विविधता में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने रोमांटिक गानों से लेकर नृत्य गीतों तक हर तरह के गाने गाए, और उनका गाना आज भी लोगों की ज़ुबान पर है। “रूप तेरा मस्ताना”, “खइके पान बनारस वाला” और “मेरे सपनों की रानी” जैसे गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।

वहीं, मुहम्मद रफी को भारतीय सिनेमा का सबसे मधुर आवाज माना जाता है। उनकी आवाज में जो भावनाएं और गहराई थी, वह किसी और गायक में नहीं थी। “बहारों फूलों का”, “चौधविन का चाँद” और “तेरी बिंदीया रे” जैसे गाने आज भी लोगों की यादों में जीवित हैं। इन दोनों गायकों का योगदान भारतीय संगीत के इतिहास में हमेशा अमिट रहेगा, और उनकी आवाजें हमेशा लोगों के दिलों में बसी रहेंगी।

समकालीन गायकों को पद्म पुरस्कार से वंचित रखना

सोनू निगम ने यह भी कहा कि समकालीन गायकों जैसे अलका याग्निक, श्रेया घोषाल, और सुनीधी चौहान को भी अब तक पद्म पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया है, जबकि इन गायकों ने भी भारतीय संगीत उद्योग में अपार योगदान दिया है। अलका याग्निक की आवाज को बॉलीवुड में हर दौर में पसंद किया गया है। उनके गाए गाने “ताल से ताल मिला” और “एक दुनिया एक सूरत” आज भी श्रोताओं के दिलों में बसे हुए हैं।

श्रेया घोषाल ने भी अपनी आवाज से बॉलीवुड संगीत में एक नई पहचान बनाई है। “तेरी मेरी” और “दीवानी मस्तानी” जैसे गाने उनकी गायन क्षमता को साबित करते हैं। सुनीधी चौहान का भी योगदान कम नहीं है, उनकी तेज-तर्रार आवाज ने कई हिट गाने दिए हैं जैसे “श Sheila Ki Jawani” और “कामीली”।

पुरस्कारों में अनदेखी: क्या है कारण?

सोनू निगम का यह वीडियो इस बात को उजागर करता है कि भारतीय संगीत के इन दिग्गज गायकों को पद्म पुरस्कारों से वंचित रखा गया है, जबकि उनके योगदान को पूरे देश और दुनिया में सराहा गया है। यह सवाल उठता है कि क्या पुरस्कार चयन प्रक्रिया में कोई कमी है, या फिर इन गायकों को अनदेखा करने के पीछे कोई अन्य कारण है।

सोनू निगम का कहना है कि अगर इन गायकों को सम्मानित किया जाता, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय संगीत उद्योग के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि होती। इन गायकों ने जो योगदान दिया है, वह केवल पुरस्कारों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी आवाजें और गाने हमेशा भारतीय संगीत के इतिहास का हिस्सा रहेंगे।

समग्र संगीत उद्योग की पहचान

सोनू निगम ने यह भी कहा कि पद्म पुरस्कारों का उद्देश्य उन कलाकारों को सम्मानित करना है जिन्होंने भारतीय संगीत और कला को वैश्विक स्तर पर पहचाना है। यह पुरस्कार केवल एक सम्मान नहीं है, बल्कि यह उस कलाकार की मेहनत और योगदान का प्रमाण है, जो उसने समाज और संस्कृति के लिए किया है।

सोनू निगम का यह वीडियो भारतीय संगीत उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। किशोर कुमार, मुहम्मद रफी, अलका याग्निक, श्रेया घोषाल, और सुनीधी चौहान जैसे गायकों का योगदान भारतीय संगीत की पहचान हैं। उनकी आवाजें और गाने हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे, चाहे उन्हें पद्म पुरस्कार मिले या न मिले। यह वीडियो इस बात की याद दिलाता है कि पुरस्कारों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है उन कलाकारों का योगदान जो भारतीय संस्कृति और संगीत के इतिहास में अपना नाम अमर कर गए हैं।

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