फिल्म 12th Fail में अपनी दमदार भूमिका के बाद भी अभिनेता विक्रांत मैसी ने हाल में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि बॉलीवुड में अब भी कई लोग उन्हें आउटसाइडर की तरह व्यवहार करते हैं। उन्हें यह तक महसूस होता है कि ‘बॉलीवुड में उनका कोई स्थान नहीं है’—यह सिर्फ स्टार किड्स के खिलाफ नहीं बल्कि कुछ लोगों के मनोविज्ञान के बारे में है।
अपने हालिया इंटरव्यू में IANS से बातचीत में विक्रांत ने गहराई से बताया कैसे नकारात्मक मानसिकता और उपनिवेशित रूढ़िवाद ने उन्हें प्रभावित किया, और कैसे उन्होंने आलोचनाओं और नफरत को अपनी प्रेरणा का जरिया बना लिया।
‘बॉलीवुड का अंडरडॉग’—विक्रांत मैसी की मूल यात्रा
विक्रांत मैसी का सफर टीवी से फिल्मों तक अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा है। 2007 में Dhoom Machao Dhoom से अपने करियर की शुरुआत करने वाले विक्रांत ने छोटे-छोटे टीवी पर काम किया और फिर 2013 में विक्रमादित्य मोटवाने की फिल्म Lootera से अपनी फिल्मी शुरुआत की।
टीवी से सफलता की ओर कदम
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बड़े पर्दे पर पहला कदम
Lootera में छोटे रोल के बावजूद, विक्रांत ने अपनी प्रतिभा के दम पर बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने A Death in the Gunj, Chhapaak, Haseen Dillruba, Cargo, Forensic जैसी फिल्मों में हिस्सा लिया। लेकिन उन्हें असली पहचान मिली फिल्म 12th Fail से—जिसने समीक्षकों और दर्शकों के बीच उन्हें प्रमाणित स्टार बना दिया।
अन्दरएस्टिमेटेड महसूस करते रहे: विक्रांत की खुली बात
विक्रांत मैसी ने खुलकर कहा:
“बॉलीवुड में अभी भी कुछ लोग मुझे कमतर समझते हैं। ये सिर्फ स्टार किड्स नहीं—कई गैर-स्टार कलाकार भी ऐसा करते हैं।”
“कुछ मेरे कम आंका करते हैं, कहते हैं ‘वह ओवररेटेड हैं’, लेकिन इससे मुझे और मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है।”
उनका कहना है कि हर आलोचना उन्हें जिंदा रखती है, हर सवाल उन्हें और बेहतर बनने के लिए प्रेरित करता है। 12th Fail जैसी सफल फिल्में उनके लिए यही एक प्रतिष्ठा की जीत थी—दिखाने का मौका कि वे किसी स्टार किड से कम नहीं।
आलोचना को ऊर्जा बनाने की कला
विक्रांत यह मानते हैं कि हर बार जब कोई उनके काम को नीचे आँकता है, वे अपने अंदर का “अंदरूनी जज़्बा” जगाते हैं। आलोचना उनके लिए बैर नहीं, बल्कि उन्नति का माध्यम है।
उनका मानना है:
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आलोचना मनोबल गिराती है, लेकिन सही दिशा में उपयोग की जाए तो प्रेरणा का स्रोत बन जाती है।
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एक सफल फिल्म 12th Fail ROI से ज़्यादा कुछ नहीं—लेकिन वे खुद को सिद्ध करते हैं, हर चुनौती के सामने।
इस आत्मविश्वास ने विक्रांत को हर नफरत और आलोचना से ऊपर उठने की शक्ति दी।
‘Aankhon Ki Gustaakhiyan’: नया रूप, नई चुनौती
विक्रांत मैसी अब बड़े उत्साह के साथ अपनी नई फिल्म ‘Aankhon Ki Gustaakhiyan’ प्रमोट कर रहे हैं। यह रोमांटिक ड्रामा है, जिसमें उनकी बालीवुड की नई स्टार शानाया कपूर के साथ केमिस्ट्री देखी जाएगी।
संभवतः यह फिल्म उन्हें 12th Fail जैसी सफलता और पहचान दिलाएगी, क्योंकि रिलीज की डेट 11 जुलाई 2025 है। ऐसी उम्मीद है कि यह फिल्म विक्रांत के कैरियर में एक नयी ऊंचाई लेकर आएगी।
“स्वीकृति नहीं, बल्कि सम्मान चाहिए”
विक्रांत स्पष्ट करते हैं कि वह स्वीकृति (approval) नहीं चाह रहे—न उनकी चाह किसी की सराहना पाने की नहीं है। उनकी प्राथमिकता है की लोग उनके काम का सम्मान करें, क्यूंकि:
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उन्होंने बॉलीवुड में लड़के-आदमियों की तरह संघर्ष किया, न कि किसी फैमिली सपोर्ट से
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हर समीक्षा और आलोचना से उन्होंने खुद को बेहतर बनाया
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उनका मानना है कि प्रतिभा और कौशल आखिरी में बोलती है, भले ही शुरुआत कठिन क्यों न हो
इनका दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से बताता है कि विक्रांत मैसी स्वयं की इनकम से फिल्म जगत में पहुंचने वाले कई कलाकारों के प्रेरणास्त्रोत हैं।
नेपोटिज्म से परे—व्यक्तिगत मानसिकता का सवाल
अपने हालिया खुलासे में विक्रांत ने जोर देकर कहा कि वे सिर्फ स्टार किड्स की बात नहीं कर रहे। उनका मुद्दा है व्यक्तिगत हेल्थ—कुछ लोग चाहे स्टार किड हों या नॉन-स्टार, ** हिमकदमी मानसिकता हमेशा होती है**।
इसने एक बड़ा सवाल उठाया है—क्या बॉलीवुड में प्रतिभा के साथ-साथ मानसिक स्वीकृति भी मायने रखती है? उनकी यह बात उन लाखों कलाकारों को हिम्मत देती है जो लीक से अलग जाकर, हार मानने से पहले एक आख़िरी लड़ाई लड़ते रहें।
क्यों है यह कहानी महत्वपूर्ण?
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‘Aankhon Ki Gustaakhiyan’ की उम्मीदें: दर्शकों को नए रूप में देखने का उत्साह
12th Fail के बाद सितारे-बाने वाली संझाओं में बीच, विक्रांत मैसी का खुलापन एक सच्चा प्रतिबिंब है—एक ऐसा कलाकार जो सिर्फ स्वीकृति की तलाश में नहीं, बल्कि सम्मान हासिल करने में लगा हुआ है।
उनकी कहानी बताती है—शब्दों से Buffy मात नहीं खाते, बल्कि कृतियों और आत्मबल से आदर खींचा जाता है। चाहे वे ‘overrated’ कहलाये या कैमरे से दूर रखा जाये, विक्रांत ने साबित किया है कि कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से हर जंग जीती जा सकती है।
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