भागलपुर। बिहार में सुशासन के दावे खोखले साबित होने लगें हैं। एक के बाद एक फर्जीवाड़ा से एक बार से बिहार सुर्खियों में है। नबीनतम मामला भागलपुर के शाहकुंड का है। यहां सरकारी शिक्षको के लिए पांच दिवसीय समानुकूलन शिक्षक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था। किंतु, अब इस प्रशिक्षण में भी फर्जीवाड़े का मामले सामने आया है। बताया जा रहा है कि बिना प्रशिक्षण दिए राशि की निकासी हो गई है।
जानकारी के मुताबिक शाहकुंड में पांच दिवसीय समानुकूलन शिक्षक प्रशिक्षण में फर्जीवाड़ा किया गया है। यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब ट्रेनर ने खुद कहा कि शिक्षकों को ट्रेनिंग नहीं दी गई। जबकि, पेपर पर यह प्रशिक्षण शिविर मुकम्मल बता कर राशि निकासी कर लेने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
मामले के प्रकाश में आने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने डीपीओ के नेतृत्व में एक टीम गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद जांच कमेटी डीपीओ ने इसकी जांच शुरू कर दी है। जांच के दौरान शिक्षकों ने कहा कि उन्हें प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। वहीं, ट्रेनरों ने भी इस बात को स्वीकारा है कि उनके द्वारा किसी को प्रशिक्षण नहीं दिया गया। मामले में डीपीओ ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए शिक्षा पदाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है।
This post was published on जनवरी 2, 2018 17:48
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