मीनापुर के फर्जी नियोजित शिक्षकों में कोर्ट का भी खौफ नहीं

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अन्तर्गत मीनापुर प्रखंड एक बार से सुर्खियों में है। शिक्षक नियोजन फर्जीवाड़ा को लेकर वर्ष 2014 से जारी खींचतान और अधिकारियों की हीलाहवाली से सुर्खिया बटोर रही मीनापुर इस बार कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाने के लिए सुर्खियों में है।

दरअसल, मीनापुर के फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए अधिकारियों पर हाईकोर्ट के आदेश भी अब बेअसर होने लगा है। जिन शिक्षकों को हाईकोर्ट के आदेश पर दुबारा बहाल कर लिया गया, अब उन्हीं शिक्षकों की जांच निर्धारित समय-सीमा खत्म होने के बाद भी शुरू नहीं होना चौका देता है। मामला मीनापुर के प्रखंड और पंचायत में बहाल टीईटी शिक्षकों का है। प्रखंड और जिला स्तर पर जांच के बाद अधिकारियों ने 143 फर्जी शिक्षकों की सूची सौंपी थी। इन शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया और इन पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई।
हाईकोर्ट के आदेश पर भी नहीं हुई जांच
अधिकारियों की कार्रवाई के विरुद्ध इन शिक्षकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इनका आरोप था कि अधिकारियों ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है। बर्खास्तगी से पहले विभागीय नियम का पालन नहीं किया गया। कोर्ट गए शिक्षकों को कोर्ट से राहत मिली और इनको पुन: बहाली का आदेश दे दिया गया। हालांकि, इस दौरान हाईकोर्ट ने बहाली के आदेश के साथ ही यह आदेश भी दिया कि दुबारा बहाल इन शिक्षकों की फिर से नियमानुसार सर्टिफिकेट जांच कराई जाए और फर्जी शिक्षकों को चिन्हित किया जाए। हाईकोर्ट ने इसके लिए दो महीना के अंदर जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। मई में यह आदेश जारी किया था। मगर जिले में स्थिति यह कि बहाली के आदेश का तो त्वरित पालन कर लिया गया। लेकिन इन शिक्षकों के सर्टिफिकेट की दुबारा जांच का आदेश फाइल में ही रह गया।
दोषियों को बचाने के साजिश का संकेत
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मीनापुर में हाईकोर्ट के इस आदेश की आड़ में वे शिक्षक भी बहाल कर लिए गए, जिनके लिए आदेश दिया ही नहीं गया था। इस मामले में बड़े पैमाने पर रुपये का खेल चलने के भी संकेत मिलें है। इन शिक्षकों ने अब वेतन भुगतान के लिए भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अगले सप्ताह इस मामले की फिर से सुनवाई होनी है। हाईकोर्ट के आदेश के तहत इन शिक्षकों के जांच के बाद कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई तो मामला खुला कि अभी तो जांच की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है। डीएम ने इस मामले में डीईओ से रिपोर्ट मांगी है। इसमें जवाब भी मांगा गया है कि कार्यालय स्तर पर इस मामले में दोषियों को बचाने का खेल तो नहीं चल रहा है। डीईओ ललन प्रसाद सिंह ने कहा कि नियोजन इकाई के साथ ही संबंधित शिक्षकों को अल्टीमेटम भेजा जा रहा है।

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