मुज़फ्फरपुर स्थित BRA Bihar University (BRABU) की छात्राओं के लिए बड़ी निराशा की खबर सामने आई है। स्नातक पास करने के बावजूद कई छात्राओं को Kanya Utthan Yojana का लाभ नहीं मिल रहा है। योजना के तहत मिलने वाली ₹50,000 की राशि अब अधर में लटक गई है।
छात्राएं कई दिनों से कॉलेज और विश्वविद्यालय के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उन्हें केवल जवाब टालने की आदत मिल रही है। कहीं दस्तावेज़ों में त्रुटि बताई जा रही है तो कहीं Marksheet Delay की वजह से आवेदन स्वीकार नहीं हो रहे।
विवि में आने पर रोक, अब कॉलेज से करें आवेदन
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्राओं को निर्देश दिया है कि वे अब सीधे विवि नहीं आएं। आवेदन केवल अपने-अपने कॉलेज से ही करना होगा।
छात्राओं का कहना है कि पिछली बार पोर्टल खुलने पर उन्होंने सभी दस्तावेज कॉलेज में जमा कर दिए थे। बावजूद इसके, इस बार उनका नाम पोर्टल पर नहीं दिख रहा है। उनका सवाल है कि अगर दस्तावेज पहले से जमा थे, तो जिम्मेदारी किसकी है।
आवेदन में त्रुटियां और लंबित अंकपत्र
कई छात्राओं के आवेदन यह कहकर लौटा दिए गए कि उनमें त्रुटियां हैं। दूसरी ओर, हज़ारों छात्राएं अपने अंकपत्र न मिलने के कारण आवेदन ही नहीं कर पा रही हैं।
अनुमान है कि विभिन्न कॉलेजों की 5000 से अधिक छात्राएं अब भी मार्कशीट के इंतजार में हैं। बिना अंकपत्र के उनके आवेदन स्वीकार नहीं किए जा सकते।
डीएसडब्ल्यू का बयान
डीएसडब्ल्यू आलोक प्रताप सिंह ने स्वीकार किया कि यह समस्या गंभीर है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में 6000 से अधिक Marksheet तैयार कर कॉलेजों को भेजे गए हैं और प्रक्रिया जारी है। लेकिन छात्राओं का आरोप है कि देरी के कारण उनका समय और अवसर दोनों बर्बाद हो रहे हैं।
Self-Finance और Vocational छात्राओं को बाहर किया गया
सबसे बड़ा विवाद यह है कि Self-Finance Courses और Vocational Students को योजना से बाहर कर दिया गया है।
कॉमर्स, होम्योपैथी और अन्य व्यावसायिक कोर्स की छात्राओं को Kanya Utthan Yojana का लाभ नहीं मिलेगा। छात्राओं ने सवाल उठाया है कि अगर इन कोर्स को मान्यता नहीं है तो नामांकन क्यों लिया जाता है।
डीएसडब्ल्यू का कहना है कि इस विषय में विभाग को पत्र लिखा गया है और फैसला आने का इंतजार है।
50 हजार का झटका, परिवारों में निराशा
कई परिवारों ने उम्मीद की थी कि यह राशि बेटियों की आगे की पढ़ाई या अन्य ज़रूरतों में मदद करेगी। अब जब आवेदन ही स्वीकार नहीं हो रहे, तो परिवार निराश हैं।
एक छात्रा की माता ने कहा कि उन्होंने पढ़ाई के खर्चे इस योजना की राशि पर आधारित कर रखे थे। अब समझ नहीं आ रहा कि आगे की पढ़ाई कैसे पूरी होगी।
BRA Bihar University की साख पर सवाल
यह मामला कोई पहली बार नहीं है जब BRA Bihar University विवादों में आया है। पहले भी फर्जी प्रमाणपत्र और प्रवेश सूची में गड़बड़ी जैसे मामले सामने आ चुके हैं।
अब कन्या उत्थान योजना में गड़बड़ी ने विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता पर और सवाल खड़े कर दिए हैं।
कॉलेज और विश्वविद्यालय के बीच तालमेल की कमी
आवेदन प्रक्रिया में सबसे बड़ी समस्या है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल रहे हैं। छात्राएं जब कॉलेज जाती हैं तो उन्हें विवि से संपर्क करने को कहा जाता है, और विवि कहता है कि कॉलेज में जांच कराएं।
इस खींचतान में छात्राओं का समय और भविष्य दांव पर लग रहा है।
बड़ी संख्या में प्रभावित छात्राएं
यह समस्या सिर्फ एक कॉलेज तक सीमित नहीं है। विश्वविद्यालय से जुड़े दर्जनों कॉलेजों में छात्राएं इसी परेशानी का सामना कर रही हैं। प्रभावित छात्राओं की संख्या हज़ारों में है।
अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो यह मुद्दा राजनीतिक रंग भी ले सकता है, क्योंकि शिक्षा और महिला सशक्तिकरण दोनों ही बिहार में संवेदनशील मुद्दे हैं।
Kanya Utthan Yojana के तहत छात्राओं को मिलने वाली ₹50,000 की सहायता राशि विश्वविद्यालय की गड़बड़ियों में फंस गई है।
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आवेदन त्रुटियों और Marksheet Delay ने छात्राओं को योजना से वंचित कर दिया है।
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Self-Finance और Vocational Courses की छात्राएं तो पूरी तरह योजना से बाहर कर दी गई हैं।
छात्राओं और उनके परिवारों की उम्मीदें टूट रही हैं और विश्वविद्यालय की छवि पर सवाल उठ रहे हैं। जब तक मार्कशीट वितरण, आवेदन प्रक्रिया और पारदर्शिता में सुधार नहीं होता, तब तक हजारों छात्राओं का भविष्य अधर में रहेगा।
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