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बिहार बीएड 2025: एनसीटीई ने एक दर्जन से अधिक बीएड कॉलेजों को भेजा नोटिस, कई संस्थानों में दाखिले पर लग सकती है रोक

बिहार में बीएड की पढ़ाई करने की सोच रहे हजारों छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने राज्य के कई बीएड कॉलेजों को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कॉलेजों में आधारभूत सुविधाओं की कमी, फैकल्टी की अनुपलब्धता और मान्यता से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं को लेकर भेजा गया है।

इस कार्यवाही के तहत मौलाना मजहरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय (MMHAPU) से संबद्ध छह बीएड कॉलेज, मगध विश्वविद्यालय के कई कॉलेज और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU), दरभंगा से जुड़े संस्थान शामिल हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इन कॉलेजों में 2025-26 सत्र के लिए बीएड में दाखिला रोका जा सकता है।

क्यों भेजा गया नोटिस?

NCTE ने जिन कॉलेजों को नोटिस जारी किया है, उनके खिलाफ कई महीनों से शिकायतें मिल रही थीं। इनमें निम्नलिखित गंभीर मुद्दे शामिल हैं:

  • योग्य फैकल्टी की कमी

  • लैब, पुस्तकालय, कक्षा और हॉस्टल जैसी आधारभूत सुविधाओं का अभाव

  • NCTE मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी न करना

  • विश्वविद्यालय से संबद्धता में अनियमितता

  • छात्र संख्या में फर्जीवाड़ा और अधिक दाखिले

इन कारणों से NCTE ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि कॉलेज निर्धारित समयसीमा में जरूरी सुधार नहीं करते, तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।

किन कॉलेजों पर लटकी है तलवार?

  1. MMHAPU के 6 कॉलेज:
    इन कॉलेजों को आधारभूत ढांचे और फैकल्टी की भारी कमी के कारण नोटिस भेजा गया है। इनमें से कुछ कॉलेजों ने NCTE से अनुमति तो ली थी, लेकिन शैक्षणिक मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं।

  2. मगध विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज:
    कुछ कॉलेजों में NCTE की आवश्यक गाइडलाइंस का उल्लंघन पाया गया है। कई कॉलेजों ने विश्वविद्यालय से मिली अस्थायी संबद्धता के आधार पर वर्षों से छात्रों का दाखिला लिया है।

  3. LNMU, दरभंगा:
    यह वही विश्वविद्यालय है जिसने Bihar BEd CET 2025 परीक्षा आयोजित की थी। अब इसके अंतर्गत कुछ कॉलेज भी जांच के घेरे में हैं।

छात्रों की चिंता बढ़ी

जिन छात्रों को Bihar BEd CET 2025 राउंड 1 रिजल्ट में कॉलेज अलॉट हुआ है, उनमें से कई अब असमंजस में हैं कि उनका एडमिशन होगा या नहीं। 2025 में करीब 36,811 छात्रों को कॉलेज अलॉट हुए हैं। इनमें से सैकड़ों छात्रों को उन्हीं कॉलेजों में सीट मिली है, जिन पर अब सवाल खड़े हो गए हैं।

एक छात्रा, प्रिया कुमारी, ने कहा:
“हमने मेहनत से परीक्षा दी, काउंसलिंग करवाई और अब पता चला कि कॉलेज ही मान्यता प्राप्त नहीं है। सरकार को इस पर जल्द फैसला लेना चाहिए।”

अभ्यर्थियों के लिए जरूरी सुझाव

यदि आप Bihar BEd CET 2025 के तहत किसी ऐसे कॉलेज में अलॉट हुए हैं, जो अब NCTE के रडार पर है, तो नीचे दिए गए सुझावों पर ध्यान दें:

  • कॉलेज की NCTE मान्यता की स्थिति जांचें।

  • विश्वविद्यालय और Bihar BEd CET की वेबसाइट पर नजर रखें।

  • फीस का भुगतान करने से पहले कॉलेज प्रशासन से पुष्टि करें।

  • किसी प्रकार का लिखित डॉक्युमेंट ज़रूर लें।

  • यदि कॉलेज की मान्यता रद्द होती है, तो दोबारा काउंसलिंग की संभावना हो सकती है।

शिक्षा विभाग की भूमिका और संभावित समाधान

बिहार सरकार और शिक्षा विभाग को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि योग्य छात्रों का शैक्षणिक वर्ष बर्बाद न हो। इसके लिए संभवतः दोबारा सीट आवंटन (reallocation) या विशेष काउंसलिंग राउंड आयोजित किया जा सकता है।

राज्य के शिक्षा मंत्री ने भी संकेत दिए हैं कि यदि कोई कॉलेज NCTE की गाइडलाइंस का पालन नहीं करता है, तो उसे बीएड कोर्स चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

शिक्षक शिक्षा में सुधार की जरूरत

इस पूरे मामले ने एक बार फिर बिहार में शिक्षक शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। NCTE की सख्ती सही दिशा में उठाया गया कदम माना जा सकता है, क्योंकि:

  • कई कॉलेज केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से चलाए जा रहे हैं।

  • योग्य अध्यापक और इंफ्रास्ट्रक्चर का भारी अभाव है।

  • मान्यता मिलने के बाद कॉलेज नियमित निरीक्षण से बचते हैं।

अब आवश्यकता है कि NCTE के साथ-साथ राज्य शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालय भी कॉलेजों की गुणवत्ता की नियमित समीक्षा करें।

Bihar BEd Admission 2025 के इस चरण में छात्रों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। NCTE की यह कार्रवाई शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रखा जाए।

जो छात्र बीएड में प्रवेश लेने की योजना बना रहे हैं, उन्हें मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सूची को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए।

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