KKN गुरुग्राम डेस्क | 13 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में स्थित शोएकल केलर इलाके में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर एक संयुक्त अभियान शुरू किया। इस अभियान का नाम ‘ऑपरेशन केलर’ रखा गया था। खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन के तहत लश्कर-ए-तैयबा के तीन कट्टर आतंकियों को ढेर किया गया।
भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान में बताया:
“13 मई को राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट की खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया गया। आतंकियों की तरफ से भारी गोलीबारी की गई, जिसका मुंहतोड़ जवाब देते हुए सेना ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।”
वर्ष 2023 में लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 के आतंकी हमले में संलिप्त था
वह इस समय लश्कर का दक्षिण कश्मीर क्षेत्र का टॉप कमांडर था
26 अप्रैल को उसके घर को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था
शोपियां के वांडूना मेलहोरा क्षेत्र का निवासी
अक्टूबर 2024 में आतंकी संगठन से जुड़ा
हाल ही में भर्ती हुआ था और आत्मघाती दस्ते के लिए प्रशिक्षण ले रहा था
उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है
शुरुआती जांच में अंदेशा है कि वह पाकिस्तानी नागरिक हो सकता है
बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से यह पुष्टि की जा रही है
मुठभेड़ स्थल से सेना ने भारी मात्रा में आतंकियों से जुड़ा सामग्री बरामद किया:
3 AK-47 राइफलें
5 ग्रेनेड
200 से ज्यादा कारतूस
बैकपैक और खाद्य सामग्री
मोबाइल फोन, वायरलेस सेट और संदिग्ध दस्तावेज
इन सभी सामग्रियों को जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पास भेजा गया है, जिससे इन आतंकियों के पाकिस्तान कनेक्शन और नेटवर्क की पुष्टि हो सके।
ऑपरेशन केलर, ऑपरेशन सिंदूर के समानांतर चलाया गया एक विशेष अभियान है। ऑपरेशन सिंदूर को 7 मई 2025 को शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य दक्षिण कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का सफाया करना है।
ऑपरेशन केलर विशेष रूप से शोपियां जिले को केंद्र बनाकर शुरू किया गया था, जहां हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियों और हथियारों की तस्करी में इजाफा हुआ है।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ए.के. भट्ट ने कहा:
“शाहिद कुट्टे का मारा जाना रणनीतिक रूप से एक बड़ी सफलता है। वह केवल कमांडर नहीं, बल्कि एक कट्टर विचारधारा वाला प्रशिक्षक और स्लीपर सेल संचालक भी था।”
एसएसपी शोपियां, राजेश कुमार ने बताया:
“यह ऑपरेशन बेहद रणनीतिक रूप से अंजाम दिया गया, जिसमें कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ। अभियान अभी भी जारी है।”
ऑपरेशन केलर के बाद सेना ने विस्तृत तलाशी अभियान शुरू किया है। शोपियां के कई गांवों — हर्मन, ज़ैनापोरा, केलर आदि में:
रातभर कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (CASO)
ड्रोन से निगरानी
स्लीपर सेल की पहचान
अज्ञात संदिग्धों की पूछताछ
सुरक्षा की दृष्टि से कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, शाहिद कुट्टे और उसके साथियों को पाकिस्तान के हवाला नेटवर्क और राहत संगठनों से 14 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी। इन पैसों का उपयोग:
हथियारों की खरीद
युवाओं की भर्ती
नेटवर्क विस्तार
के लिए किया गया।
इस फंडिंग चैनल की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
भारत सरकार इस मुठभेड़ की जानकारी संयुक्त राष्ट्र, ओआईसी, और वैश्विक मानवाधिकार संगठनों को देने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य है कि पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया जाए, जिससे उस पर दबाव बने।
शोपियां और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लोगों ने इस ऑपरेशन को साहसिक और आवश्यक कार्रवाई बताया। लोग:
स्कूलों में अतिरिक्त सुरक्षा की मांग कर रहे हैं
युवा वर्ग के लिए काउंसलिंग की मांग कर रहे हैं
सेना को जानकारी देकर सहयोग कर रहे हैं
यह दर्शाता है कि आम लोग शांति और स्थायित्व चाहते हैं, और आतंकी गतिविधियों से उनका मोहभंग हो चुका है।
ऑपरेशन केलर भारतीय सेना और सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति और निडरता का प्रमाण है। तीन आतंकियों को ढेर करना, जिनमें लश्कर का टॉप कमांडर शाहिद कुट्टे भी शामिल था, घाटी में शांति बहाल करने की दिशा में बड़ा कदम है।
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