बछड़े की मौत पर पांच वर्ष की बेटी ब्याहने का दिया फरमान

​मध्य प्रदेश मे बछड़े की मौत पर प्रायश्चित के लिए पंचायत का तुगलगी फरमान – गंगा नहाओ, भोज करो, बेटी की शादी कराओ, सरकार ने साधी चुप्पी

संतोष कुमार गुप्ता

पंच को परमेश्वर कहा गया है। यानी उन पर भगवान से भी ज्यादा भरोसा होता है। किंतु वह ही तानाशाह बन जाये तो लोगो को पंचायत पर कैसे भरोसा होगा। मध्य प्रदेश के गुना जिले के तहरपुर गांव में रहने वाले एक युवक को पंचो के तुगलकी फरमान का सामना करना पड़ रहा है। यहां एक शख्स को बछड़े की मौत पर सजा सुनाई गई। पंचायत की ओर से जगदीश बंजारा (35) नाम के शख्स को बछड़ा मारने की वजह से अजीबोगरीब फैसले सुनाये गये है। उन्हे गंगा नहाने, भोज कराने और अपनी 5 साल की बेटी की शादी करवाने का फरमाने सुनाया है । ताकि वह बछड़े को मारने के ‘पाप’ का प्रायश्चित कर सके। पीड़ित और उसकी पत्नी गीताबाई ने सभी शर्तों को पूरा करने के साथ ही कुछ महीने पहले बेटी की शादी भी तय कर दी। बच्ची को शादी रोकने के लिए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

पंचायत के फैसले के बाद पीड़ित की बेटी की शादी शनिवार को अक्षय तृतीया के दिन आयोजित की गई थी। हैरानी वाली बात यह है जिला प्रशासन द्वारा इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। पंचायत के इस आदेश के बाद बच्ची की मां गीताबाई ने पुलिस से संपर्क किया तो जगदीश (पति) से 20,000 रुपये के बांड पर हस्ताक्षर कराया गया और शर्ती रखी गई कि इसके उल्लंघन पर उन्हें जेल जाना होगा।

महिला सशक्तिकरण अधिकारी अतिराज सिंह सेंगर ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, “बच्ची के परिवार और गांव पर नजर रखी जा रहा है। गांववालों ने परिवार पर दबाव डालकर शादी के लिए मजबूर किया।” जिसके बाद हम उन्हें वहां से ले आए और बच्ची को चैकअप के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। तीनों को रेस्ट हाउस में रखा जाएगा और कुछ दिन बाद वापस गांव ले जाया जाएगा। पीड़ित परिवार से अक्सर मिलने वाली आगंनबाड़ी कार्यकत्री भागबाई ने बताया कि गीताबाई के पुलिस में जाने के बाद पूरे गांव ने उनका बहिष्कार कर दिया। स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्होंने जगदीश पर बेटी की शादी के लिए कोई दबाव नहीं डाला है बल्कि परिवार में किसी भी महिला सदस्य का विवाह पर्याप्त होगा।

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