बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रहने वाली अनाथ और मजबूर बच्चियों ने जब पुलिस को अपनी दास्तान सुनाई तो सभी के रोंगटे खड़े हो गए। एक सात साल की बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसके खाने में नशे की दवा मिला दी जाती थी और बेहोशी के आलम में ही उसके साथ गंदा काम होता था। जब वह सुबह होने पर उठती थी तो उसका पूरा शरीर दर्द से टूटते रहता था। खाना मांगने पर किरण अंटी गर्म छोलनी से दाग देती थी। वह बताती है कि किरण आंटी उसे अक्सर दूसरे कमरे में ले जाती और वहां पहले से बैठे लोग उसके साथ गंदा काम करता था। गलत करने से मना करने पर लड़कियों के शरीर पर खौलता पानी फेंक दिया जाता था।
बिना वस्त्र के ही सोना पड़ता था
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि किरण अंटी और चंदा अंटी मिल कर रात में अक्सर लड़कियों को बिना वस्त्र के ही सोने को मजबूर करती थी, ताकि, वह भाग नहीं सके। वह कहती है कि ब्रजेश सर ने तो सारी हदें पार कर दी। वह लड़कियों को कभी छत पर तो कभी अपने कमरे में ले जाकर उसके साथ गंदा काम करते थे। रोने पर अंटी कहती थी कि किसी को कुछ भी बताया तो इससे भी बुरा हाल होगा। एक सीडब्ल्यूसी सर आते थे। वह जब भी आते थे गंदा काम करते थे। इसी प्रकार और भी कई सर आते थे और आते ही गंदा काम करने के लिए पसंदिदा लड़कियों को बुला कर उस पर टूट पड़ते थे। लड़कियों के चिखने चिल्लाने और दर्द से कराहने का उनलोगो पर कोई असर नहीं होता था।
खौलते पानी से जला देती थी
बालिका गृह की एक पीड़ता ने पुलिस को बताया कि अक्सर खाना मांगने पर गृह माता चंदा आंटी पीठ पर गर्म पानी उड़ेल देती थी और इससे भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ तो गर्म छोलनी से दाग देती थी और रात होते ही गलत हरकत करने लगती थी। रात में अक्सर सोने नहीं देती और दूसरे कमरे में ले जा कर गलत करती थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि किरण आंटी कभी बहलाकर तो कभी डरा-धमकाकर गंदा काम कराती थी। वह अक्सर मारती थी और इसका विरोध करने पर चाकू से हाथ-पैर काट देती थी।
काउंसलिंग के नाम पर होता था गंदा काम
बालिका गृह में एक काउंसलर शिक्षक विकास सर प्रत्येक मंगलवार को आया करते थे और लड़कियों से जबरदस्ती गंदा काम करते थे। अधिकतर लड़कियो ने पुलिस को बताया कि खाने में नींद की गोलियां मिला दी जाती थीं। नींद आ जाने के बाद गंदा काम किया जाता था। सोकर उठने के बाद बदन में बहुत दर्द होता था। ब्रजेश सर बाहर के लड़कों को बुलाकर गंदा काम करवाते थे। बाद में मारपीट भी की जाती थी। ब्रजेश सर, नेहा और किरण आंटी बहुत मारते थे। ब्रजेश सर पेट के निचले हिस्से और नाजुक अंगों पर में मारते थे। एक लड़की के पेट में बच्चा था। उसे भी मारते थे।
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