Bihar

बिहार के पंचायतो में ताकत के बने दो केन्द्र, घटा मुखिया का अधिकार, शक्तिशाली होंगे सरपंच

Published by

पंचायती राज विभाग के नए नियम से सरपंच बनने की लगी होड़

KKN न्यूज ब्यूरो। बिहार में पंचायत चुनाव का आगाज हो चुका है। साल के अंत तक गांव की सरकार का गठन होना तय है। इस बार गांव की नई सरकार का नजारा कुछ बदला-बदला होगा। राज्य की पंचायती राज विभाग ने कई फेरबदल कर दिए है। मुखिया के अधिकार में कटौती कर दी गई और सरपंच के अधिकार में बढ़ोतरी की गई है। पंचायत चुनाव की बिछात बिछने के बाद अचानक से हुए बदलाव ने गांव के निजाम की मुश्किले बढ़ा दी है। मुखिया पद के कई उम्मीदवार अब सरपंच के रेस में है।

पंचायत चुनाव से पहले पंचायती राज विभाग ने नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण कर दिया है। उनकी जिम्मेदारी, तय कर दिया है। नए नियम के मुताबिक मुखिया को जहां ग्राम सभा और पंचायतों की बैठक बुलाने का अधिकार होगा। इनके जिम्मे विकास योजनाओं के लिए मिलने वाली पंजी की निगरानी का भरपुर अधिकार होगा। दूसरी ओर सरपंच के जिम्मे लोगो को सुलभ न्याय देने के अतिरिक्त गांव की सड़कों के रख-रखाव करने, सिंचाई की व्यवस्था करने, पशुपालन और अन्य व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य करने की शक्ति होगी।

मुखिया के जिम्मे होंगे ये कार्य

पंचायती राज विभाग के अनुसार चुनाव जीतने वाले मुखिया को अब अपने कार्य क्षेत्र में एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें आयोजित करनी होंगी। बैठक के अलावा इनके पास ग्राम पंचायतों के विकास की कार्य योजना बनाने और ग्रामसभा से पारित प्रस्तावों को लागू करने की जवाबदेही होगी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों के लिए तय किए गए टैक्स, चंदा और अन्य शुल्क की वसूली करने का अधिकार मुखिया के पास रहेगा।

सरपंचों को दिए गए ये अधिकार

पंचायती राज व्यवस्था में सरपंचों को तीन बड़े अधिकार दिए गए हैं। इसमें ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और उनकी अध्यक्षता करने के साथ ही अब ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी सरपंच के पास रहेंगी। इनके जिम्मे जो मुख्य कार्य होंगे उनमें गांव की सड़कों की देखभाल, पशुपालन, व्यवसाय को बढ़ावा देना और सिंचाई की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरपंच की होगी। इसके अतिरिक्त श्मसान और कब्रिस्तान की रखरखाव करने का काम भी सरपंच करेंगे। जबकि, मुखिया इन कार्यो की निगरानी करता  रहेगा। कुल मिला कर नव गठित ग्राम पंचायत में नए अनुभव और नई कार्यपद्धति से मुखिया और सरपंच को गुजरना पड़ेगा और दोनो को मिल कर पंचायत का सर्वांगीन विकास करना होगा।

खर्च और प्रचार करने का होगा ये प्रावधान

राज्य निर्वाचन आयोग ने 101 पन्ने का गाइडलाइन्स जारी किया है। गाइडलाइन पर गौर करें तो जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को एक लाख रुपये तक खर्च करने की छूट होगी। मुखिया और सरपंच उम्मीदवार को 40 हजार रुपये खर्च करने की छूट होगी। वहीं, पंचायत समिति सदस्य को 30 हजार, ग्राम पंचायत सदस्य और पंच को 20 हजार रुपये खर्च करने की छूट दी गई है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चुनाव प्रचार अवधि में ग्राम पंचायत के सदस्य और पंच पद के प्रत्याशी को एक मोटर साइकिल चलाने की अनुमति होगी। जबकि, मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति के लिए दो बाइक अथवा एक हल्का मोटर वाहन चलाने की अनुमति होगी। इसी प्रकार जिला परिषद के सदस्य पद के अभ्यर्थी को अधिकतम चार बाइक अथवा दो हल्के मोटर वाहन से चुनाव प्रचार करने की अनुमति दी जानी है। इसके अलावा सभी छह पदों के प्रत्याशी बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी और रिक्शा से भी चुनाव प्रचार कर सकते है। पर, इसकी अनुमति लेनी होगी। इसका खर्च चुनाव खर्च में जुटेगा।

नामांकन हो सकता है रद्द

आयोग ने तय कर दिया है कि कोई भी प्रत्याशी अगर किसी सियासी दल का झंडा या बैनर का इस्तेमाल करता है तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। यानि, उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी। पंचायत चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी के नाम या चुनाव चिह्न के सहारे वोट मांगने पर भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जुलूस के शुरू होने का समय और जगह स्थान, मार्ग और किस समय-स्थान पर जुलूस समाप्त होगा, यह पहले से तय कर पुलिस पदाधिकारी से अग्रिम अनुमति लेनी होगी। जुलूस का रास्ता ऐसा होना चाहिए जिससे यातायात में कोई बाधा न पड़े। मतदाताओं को जारी पहचान पर्ची सादे कागज की होनी चाहिए। जिस पर अभ्यर्थी का नाम या प्रतीक नहीं हो।

डीडीसी और बीडीओ के अधिकार में कटौती

सरकार ने बीडीओ और डीडीसी के अधिकारों में कटौती की है। इसको लेकर पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन विधेयक विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पेश होना है। सरकार ने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर यानी बीडीओ और डीडीसी के अधिकारों में कटौती की है। नए नियम के मुताबिक पंचायती राज अधिकारी या फिर उप सचिव स्तर के अधिकारियों को कार्यपालक अधिकारी का अतिरिक्त पावर होगा। नए नियम के तहत प्रदेश में उप विकास आयुक्त अब जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नहीं रहेंगे। वहीं, बीडीओ को पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। जिला परिषद में डीडीसी की जगह बिहार प्रशासनिक सेवा के नए अधिकारी पोस्टेड किए जाएंगे। जबकि बीडीओ की जगह ब्लॉक के पंचायती राज अधिकारी को पंचायत समिति का कार्यपालक अधिकारी बनाया गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी उप सचिव स्तर के अधिकारी होंगे। ये सिर्फ जिला परिषद का काम देखेंगे। वहीं ब्लॉक स्तरीय पंचायत समिति के सभी कर्मियों पर पंचायत समिति के कार्यकारी अधिकारी का कंट्रोल होता है।

राज्यपाल की सहमति के बाद लागू होगा कानून

मॉनसून सत्र में विधानमंडल से अधिनियम में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद ही गवर्नर से इस पर सहमति ली जाएगी। गवर्नर की सहमति के बाद यह कानून प्रदेश में लागू हो जाएगा। इसके बाद डीडीसी की जगह नए अधिकारी को पोस्टेड किया जाएगा। वहीं, आदेश जारी कर बीडीओ को पंचायत समिति के कामों से मुक्त कर दिया जाएगा। उनकी जगह ब्लॉक के पंचायत राज अधिकारी यह काम देंखेंगे।

This post was last modified on सितम्बर 6, 2021 1:11 अपराह्न IST 13:11

KKN लाइव WhatsApp पर भी उपलब्ध है, खबरों की खबर के लिए यहां क्लिक करके आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।

Share
Published by
Tags: Bihar Panchayat sarpanch powerful

Recent Posts

  • Muzaffarpur

बिहार में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन

बिहार में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री… Read More

अगस्त 22, 2025 5:26 अपराह्न IST
  • Crime

मुंबई पुलिस ने 60 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ किया, 12 आरोपी गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने हाल ही में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का खुलासा किया है,… Read More

अगस्त 22, 2025 5:13 अपराह्न IST
  • Society

Neuroscientist के सुझाए 5 Tips: सपनों को हकीकत बनाने का विज्ञान

आजकल सोशल मीडिया पर Manifestation शब्द काफी ट्रेंड कर रहा है। इसका मतलब है Law… Read More

अगस्त 22, 2025 4:59 अपराह्न IST
  • Politics

राहुल गांधी की सुरक्षा बढ़ाने की मांग, अजय राय ने अमित शाह को लिखा पत्र

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्रीय गृह मंत्री… Read More

अगस्त 22, 2025 4:23 अपराह्न IST
  • New Delhi

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेनका गांधी की प्रतिक्रिया: ‘फीडिंग ज़ोन से मिलेगी राहत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के… Read More

अगस्त 22, 2025 4:04 अपराह्न IST
  • Politics

विजय ने मदुरई ईस्ट से चुनाव लड़ने का किया ऐलान, DMK-BJP पर बोला हमला

तमिल सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के अध्यक्ष विजय ने 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनावों… Read More

अगस्त 22, 2025 3:50 अपराह्न IST