KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है और इसका असर अब राज्य के सभी 38 जिलों में साफ़ तौर पर देखा जा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले तीन से चार दिनों के लिए राज्यभर में भारी बारिश, आंधी-तूफान और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, मानसून की सक्रियता अब तेज हो गई है। पछुआ हवाओं में अत्यधिक नमी के कारण लगातार बारिश, 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं, और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। इसके मद्देनज़र 15 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 23 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि मौसम बहुत खतरनाक हो सकता है और लोगों को पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
येलो अलर्ट संकेत देता है कि मौसम खराब हो सकता है, लेकिन स्थिति सामान्य से थोड़ी ऊपर है।
राज्य सरकार ने सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।
हालांकि, सभी 38 जिलों में बारिश का असर देखा जा रहा है, लेकिन जिन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, वे विशेष रूप से संवेदनशील माने जा रहे हैं। ये जिले मुख्य रूप से उत्तर और मध्य बिहार क्षेत्र में हैं, जहां हर साल बाढ़ और बिजली गिरने की घटनाएं आम रहती हैं।
लगातार भारी बारिश की संभावना
आकाशीय बिजली के साथ गरज-चमक
30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं
निचले इलाकों में जलजमाव की आशंका
भीषण गर्मी और उमस से जूझ रहे लोगों के लिए यह मानसून एक राहत लेकर आया है। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश के चलते अगले कुछ दिनों में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।
अधिकतम तापमान: 29-31 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम तापमान: 23-25 डिग्री सेल्सियस
यह बदलाव लोगों को गर्म हवाओं और चिपचिपे मौसम से राहत देगा।
IMD और राज्य प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अत्यधिक सतर्क रहें। विशेष रूप से खेतों में काम करने वाले किसानों, खुले मैदानों, और ऊंचाई वाली जगहों पर जाने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
आकाशीय बिजली के समय पेड़ों के नीचे खड़े न हों
बिजली के उपकरणों को बंद कर दें
खेतों में काम करने से बचें
यात्रा से पहले मौसम अपडेट जरूर देखें
मानसून की तेज शुरुआत कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। धान, मक्का और दालों की बुआई समय पर हो सकेगी। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, यह बारिश खेती की तैयारी के लिए एक सुनहरा अवसर है।
लेकिन अधिक वर्षा के कारण जलभराव, मिट्टी का कटाव और फसल को नुकसान का भी खतरा बना रहता है।
राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार, “अगर बारिश संतुलित रहती है, तो यह खेती के लिए वरदान साबित होगी, लेकिन यदि जल निकासी की व्यवस्था नहीं हुई तो फसलों को नुकसान हो सकता है।”
पटना, मुजफ्फरपुर, गया और भागलपुर जैसे शहरी इलाकों में निचले इलाकों में जलभराव, सड़कों पर ट्रैफिक जाम, और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
लोगों को सलाह दी गई है कि वे आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक रखें, मोबाइल चार्ज करके रखें और बैटरी से चलने वाले उपकरण पास में रखें।
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए हैं। राहत और बचाव दलों को तैयार रखा गया है। राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे लगातार मौसम विभाग से संपर्क बनाए रखें और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखें।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह भी निर्देश दिया है कि बाढ़ संभावित इलाकों में अस्थायी राहत शिविर, बोट, और रेस्क्यू टीम्स पहले से तैयार रखी जाएं।
आप जहां भी हों, मौसम अपडेट्स पर नजर रखें, सावधानी बरतें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। हमारी टीम लगातार बिहार के मौसम समाचार, आपात चेतावनी, और ताज़ा अपडेट आपके लिए लेकर आती रहेगी।
This post was published on जून 21, 2025 10:27
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