KKN गुरुग्राम डेस्क | राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर जमकर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार के वित्तीय प्रबंधन, कर्ज, और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के खर्चों का बोझ आम जनता के करों पर डाल दिया गया है और राज्य की सरकार ने राजस्व का सदुपयोग नहीं किया।
तेजस्वी ने खासतौर पर बिहार सरकार के बजट और वित्तीय योजनाओं पर सवाल उठाए और कहा कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन बुरी तरह से विफल हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के द्वारा उठाए गए कदम केवल जनता के पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं।
बिहार सरकार का बढ़ता बजट और वित्तीय संकट
तेजस्वी यादव ने 2025-26 के बजट को लेकर सवाल उठाए, जिसमें कुल राशि ₹3.17 लाख करोड़ है, जो कि 2024-25 के बजट से ₹38,000 करोड़ ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी राशि का खर्च कहां जा रहा है, और इसके वित्तीय प्रबंधन को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है।
“इस बढ़े हुए बजट का क्या उद्देश्य है? अगर पिछले साल की राशि में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो फिर नया पैसा कहां से आएगा?” तेजस्वी ने पूछा। इसके अलावा, उन्होंने वित्तीय योजनाओं के तहत ₹1.16 लाख करोड़ के आवंटन को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इस राशि में पिछले साल का पैसा शामिल है या फिर यह सिर्फ पुराने प्रावधानों को दोहराया जा रहा है।
बिहार के कर्ज और ब्याज भुगतान पर गंभीर चिंता
तेजस्वी यादव ने बिहार के बढ़ते कर्ज पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार का कर्ज अब ₹4.06 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है, और इस कर्ज का एक बड़ा हिस्सा ब्याज भुगतान में जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लगभग ₹25,000 से ₹30,000 करोड़ का बजट ब्याज भुगतान के लिए जा रहा है।
“बिहार सरकार पर ₹4.06 लाख करोड़ का कर्ज है, और इसमें से अधिकतर राशि ब्याज के रूप में जा रही है। हम यह जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार ने इस कर्ज को कम करने के लिए राज्य को क्या मदद दी है?” तेजस्वी ने सवाल किया।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार की वित्तीय स्थिति बहुत ही दयनीय है, और सरकार ने केंद्र से कोई मदद नहीं ली। इसके बावजूद, राज्य सरकार खजाना लूटने में लगी हुई है। उन्होंने बिहार के वित्तीय संकट को सरकार की अक्षम और भ्रष्ट नीति से जोड़ा।
सरकार की ठेकेदारी नीति पर सवाल
तेजस्वी यादव ने ठेकेदारी नीति को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने स्थानीय ठेकेदारों को ग्लोबल टेंडर के जरिए पैसे वसूलने का तरीका अपनाया है, जबकि बिहार के ठेकेदारों को कोई टेंडर नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल टेंडर से राज्य के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, क्योंकि इससे सिर्फ बाहरी ठेकेदारों को फायदा हो रहा है, जबकि स्थानीय ठेकेदारों की अनदेखी की जा रही है।
“बिहार के ठेकेदारों को कोई काम नहीं मिल रहा है। सरकार केवल ग्लोबल टेंडर के जरिए पैसे वसूल रही है, जिससे स्थानीय ठेकेदारों की स्थिति खराब हो रही है। इस नीति से बिहार के विकास में कोई लाभ नहीं हो रहा है,” तेजस्वी ने आरोप लगाया।
बिहार सरकार में भ्रष्टाचार और इसके प्रभाव
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार में फैले भ्रष्टाचार को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संविधान के तहत नियुक्त अधिकारी जैसे COs (सर्कल अधिकारी), BDOs (ब्लॉक विकास अधिकारी), और पुलिस अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार की कोई कमी नहीं है। उनका कहना था कि बिहार सरकार में संगठित भ्रष्टाचार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और आम लोग अब रिश्वतखोरी और दलाली से तंग आ चुके हैं।
“बिहार में संगठित भ्रष्टाचार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सरकारी अधिकारियों, पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों के बीच रिश्वतखोरी का बोलबाला है। यह केवल विभागीय भ्रष्टाचार नहीं है, बल्कि पूरे प्रशासन में फैला हुआ भ्रष्टाचार है,” तेजस्वी ने कहा।
सरकारी नीतियों का सवाल: सरकार से जवाब की मांग
तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार से यह सवाल पूछा कि राज्य के बढ़ते बजट में जो राशि बढ़ाई गई है, वह किस तरह से खर्च की जाएगी। उन्होंने पूछा कि क्या पिछले साल की राशि को नई योजनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, या फिर नए कार्यक्रमों के लिए नई राशि जुटाई जाएगी।
“अगर पिछले साल की राशि को नए योजनाओं में शामिल किया जा रहा है तो फिर यह नया पैसा कहां से आएगा?” तेजस्वी ने पूछा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब इन भ्रष्टाचारियों से परेशान हो चुकी है और उन्हें विकास और बदलाव की आवश्यकता है।
बिहार में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए तेजस्वी यादव का आह्वान
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को बेहतर शासन और साफ-सुथरी नीतियों की जरूरत है। उन्होंने बिहार में किसी भी सरकार के आने से पहले उस सरकार के विकासात्मक दृष्टिकोण और भ्रष्टाचार के खिलाफ नीतियों का समर्थन किया।
“बिहार में अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर भ्रष्टाचार और दुराचार को खत्म करें और एक नई बिहार की स्थापना करें,” तेजस्वी ने कहा।
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जो सवाल उठाए, वे बिहार के वित्तीय संकट, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता को उजागर करते हैं। उन्होंने राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन और ठेकेदारी नीति पर गंभीर आरोप लगाए और मांग की कि सरकार इन मुद्दों पर जवाब दे। बिहार की जनता अब बदलाव की प्रतीक्षा कर रही है, और यह तेजस्वी यादव के नेतृत्व में RJD का विकासात्मक दृष्टिकोण ही है जो बिहार को आगे बढ़ा सकता है।