KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद (आरसीपी) सिंह ने अपनी राजनीतिक पार्टी ‘आप सबकी आवाज़’ (ASA) को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में विलीन कर दिया है। यह पिछले तीन वर्षों में आरसीपी सिंह का चौथा दलगत परिवर्तन है, जो बिहार की बदलती राजनीतिक तस्वीर को साफ तौर पर दर्शाता है।
आरसीपी सिंह, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं, ने अपनी राजनीतिक पारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सलाहकार के तौर पर शुरू की थी। साल 2010 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा को छोड़कर जेडीयू (JD(U)) की सदस्यता ली और वहीं से उनकी सक्रिय राजनीति की शुरुआत हुई।
उन्हें राज्यसभा में दो बार सांसद बनने का मौका मिला, साथ ही वे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। जुलाई 2021 में उन्हें केंद्र सरकार में इस्पात मंत्री बनाया गया। लेकिन जल्द ही उनके और जेडीयू के बीच मतभेद उभर आए और 2022 में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने 2023 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जॉइन की, और फिर अक्टूबर 2024 में अपनी खुद की पार्टी ‘आप सबकी आवाज़’ बनाई।
18 मई 2025 को आरसीपी सिंह ने जन सुराज पार्टी के साथ अपनी पार्टी के विलय की घोषणा की। जन सुराज की स्थापना चर्चित राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने की थी, जो स्वयं भी कभी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे। यह गठबंधन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दो पूर्व नौकरशाहों और राजनीतिक रणनीतिकारों का मिलन है, जो अब एक साझा मंच पर आकर बिहार में वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था को चुनौती देने की तैयारी में हैं।
यह विलय केवल दो दलों का एकीकरण नहीं है, बल्कि राजनीतिक समर्थन को केंद्रीकृत करने और चुनावी रणनीति को मज़बूत करने का प्रयास है।
आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर का यह गठजोड़ बिहार की राजनीति में एक बड़े बदलाव की संभावना पैदा करता है। आरसीपी सिंह की कुर्मी समाज में मजबूत पकड़ है, जो राज्य में एक प्रभावशाली ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) समुदाय है। वहीं, प्रशांत किशोर की जमीनी पकड़ और संगठनात्मक रणनीति उन्हें एक अलग पहचान देती है।
दोनों नेता मिलकर 2025 के विधानसभा चुनाव में विकास और सुशासन को मुख्य एजेंडा बना रहे हैं। उनका दावा है कि बिहार को पुराने जातिगत समीकरणों से निकालकर एक नई सोच और पारदर्शिता की ओर ले जाने की जरूरत है।
जन सुराज पार्टी ने अपने संगठन को मज़बूती देने के लिए 19 मई 2025 को एक और बड़ा कदम उठाया। पार्टी ने पूर्व बीजेपी सांसद उदय सिंह को अपना पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस नियुक्ति से प्रशांत किशोर को जनसंपर्क और जमीनी कार्य पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा, जबकि आरसीपी सिंह और उदय सिंह जैसे अनुभवी नेता पार्टी के प्रशासनिक और रणनीतिक कार्य संभालेंगे।
आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर के इस गठबंधन पर बिहार की राजनीति में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जेडीयू और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने इस गठबंधन की आलोचना करते हुए इसे “राजनीतिक वायरस और कीटाणुओं का मिलन” कहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सत्तारूढ़ दलों में इस गठबंधन को लेकर चिंता की लहर दौड़ गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह गठजोड़ सही रणनीति और जमीनी पकड़ के साथ आगे बढ़ता है, तो यह बिहार के मौजूदा सत्ता समीकरणों को चुनौती दे सकता है।
आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर की यह साझेदारी न केवल दो व्यक्तियों का मेल है, बल्कि यह बिहार में एक नई राजनीतिक धारा की शुरुआत मानी जा रही है। यह गठबंधन 2025 विधानसभा चुनाव में वर्तमान राजनीतिक दलों के सामने एक मजबूत विकल्प पेश करने का दावा कर रहा है।
आने वाले महीने तय करेंगे कि यह गठजोड़ जनता के बीच कितनी पकड़ बना पाता है और क्या यह बिहार की राजनीति में स्थायी बदलाव ला सकता है। लेकिन एक बात तो तय है कि बिहार की चुनावी तस्वीर अब पहले जैसी नहीं रहने वाली।
This post was last modified on मई 20, 2025 12:35 अपराह्न IST 12:35
बिहार में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री… Read More
मुंबई पुलिस ने हाल ही में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का खुलासा किया है,… Read More
आजकल सोशल मीडिया पर Manifestation शब्द काफी ट्रेंड कर रहा है। इसका मतलब है Law… Read More
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्रीय गृह मंत्री… Read More
भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के… Read More
तमिल सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के अध्यक्ष विजय ने 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनावों… Read More