बिहार इस समय बारिश और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहा है। कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं गंगा, कोसी और गंडक जैसी नदियां उफान पर हैं। लाखों लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक कई हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। लोगों को बाहर निकलते समय छाता या रेनकोट साथ रखने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, 13 अगस्त को उत्तर पश्चिम बिहार के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण और गोपालगंज में दिनभर बारिश हो सकती है। इसके अलावा सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर और समस्तीपुर में भी मध्यम से तेज बारिश होने का अनुमान है।
इन क्षेत्रों के कई निचले इलाकों में पानी भर चुका है। किसानों को फसलों के नुकसान का डर सताने लगा है। जिला प्रशासन ने नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी हुई है।
उत्तर पूर्व बिहार के सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार में अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना जताई गई है। नेपाल से आने वाली नदियों के पानी के कारण यह इलाका बाढ़ के लिए बेहद संवेदनशील है।
कई गांवों में नदी के किनारे बने तटबंधों से पानी का रिसाव हो रहा है। सड़कों के जलमग्न होने से लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है। बाजारों में भी भीड़ कम हो गई है, क्योंकि लोग बारिश से बचने के लिए घरों में रहना पसंद कर रहे हैं।
दक्षिण पश्चिम बिहार के बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल जिलों में भी कुछ जगहों पर बारिश होने का अनुमान है। यहां फिलहाल बाढ़ की स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन खेतों में पानी भरने से कृषि कार्यों में दिक्कतें बढ़ी हैं।
ग्रामीण सड़कों पर फिसलन और कीचड़ के कारण आवागमन प्रभावित हो रहा है। प्रशासन ने लोगों से जरूरी काम के अलावा बाहर न निकलने और मौसम अलर्ट पर ध्यान देने की अपील की है।
राजधानी पटना में आज कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है। इसके अलावा जहानाबाद, लखीसराय, बेगूसराय, शेखपुरा, नालंदा और नवादा में भी बारिश का पूर्वानुमान है।
भागलपुर में बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं। बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. बीरेंद्र कुमार ने बताया कि बुधवार को गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। गुरुवार और शुक्रवार को आंशिक बदरी के बीच उमस और गर्मी बनी रहने की संभावना है।
बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया में भी बारिश की संभावना जताई गई है। इन जिलों में पहले से ही बाढ़ की समस्या बनी हुई है और अतिरिक्त बारिश से स्थिति और खराब हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को भी बिहार के कई जिलों में बारिश होगी। बुधवार को पूर्वी चंपारण, सारण, समस्तीपुर, खगड़िया और किशनगंज के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
गुरुवार को कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया और नवादा जिलों में बारिश का पूर्वानुमान है। 15 अगस्त को बिहार के पूर्वी जिलों में Thunderstorm, वज्रपात और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
लगातार बारिश से बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है। गंगा नदी पटना, भागलपुर और खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कोसी नदी के तटबंध टूटने से कई गांवों में पानी घुस गया है। गंडक नदी में पानी छोड़ने के कारण हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है।
प्रशासन राहत सामग्री, पीने का पानी और दवाइयां पहुंचाने में जुटा है। स्कूलों और पंचायत भवनों में राहत शिविर बनाए गए हैं। जलजनित बीमारियों के मामले बढ़ने लगे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।
लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से खेती पर सीधा असर पड़ रहा है। धान के खेत पानी में डूबे हैं, जिससे पौधों का विकास प्रभावित हो रहा है। मक्का और सब्जी किसानों को भी फसलों के खराब होने का डर है।
सड़कों के जलभराव से कृषि उपज को मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। दूध उत्पादकों को पशुओं के चारे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश इसी तरह जारी रही, तो पैदावार में गिरावट आ सकती है, जिसका असर किसानों और उपभोक्ताओं दोनों पर पड़ेगा।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिलों में Control Room सक्रिय कर दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। नावों के जरिए गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरजनित और जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को सावधानियां बरतने की सलाह दी है। रेडियो और लोकल नेटवर्क के जरिए मौसम अलर्ट और सुरक्षा संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस समारोह पर भी मौसम का असर पड़ सकता है। मौसम विभाग ने आयोजकों को Rain Alert को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक इंतजाम करने की सलाह दी है। खासतौर पर उन जिलों में, जहां Thunderstorm की चेतावनी जारी है, प्रशासन सतर्क है।
मौसम और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। बाढ़ वाले इलाकों में रहने वालों को Emergency Kit तैयार रखने और नदियों के किनारे जाने से बचने की अपील की गई है। किसानों को खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने और फसलों को बचाने के उपाय करने की सलाह दी गई है।
लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बिहार को मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए और सुदृढ़ व्यवस्था की जरूरत है। आने वाले कुछ दिन आपदा प्रबंधन टीमों और आम जनता दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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