सांप और बिच्छू के खतरे से सहमे रहतें हैं सड़क पर रहने वाले विस्थापित
KKN न्यूज ब्यूरो। मुजफ्फरपुर से सटे मीनापुर गांव की सुमित्रा देवी अपने दो पुत्र, दो बहू और तीन पोता-पोती के साथ पिछले पांच रोज से शिवहर स्टेट हाईवे के किनारे प्लास्टिक तानकर रह रही है। सुमित्रा बताती है कि दो रोज से सरकारी भोजन मिलने लगा है। इससे पहले चूड़ा और सत्तू खाकर रहना पड़ा। कमोवेश यही हाल शत्रुघ्न मांझी की है। श्री मांझी बताते हैं कि शनिवार को सरकारी चापाकल लगा है। किंतु दूर होने की वजह से परेसानी कम नहीं हुई। पुरैनिया गांव की मरछिया देवी बताती हैं कि सड़क किनारे खुले में शौचालय जाने के लिए अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है। हालांकि, प्रशासन ने अस्थायी शौचालय बनाने का दावा किया है। वृद्ध नागेन्द्र साह ने बताया कि छह रोज से बेटा, बहू और पोता- पोती समेत 13 लोगों के साथ सड़क किनारे पॉलीथिन में गुजारा कर रहे हैं। घर का सभी सामान बाढ़ में बर्बाद हो चुका है। मीनापुर में बाढ़ विस्थापितो का हाल बुरा है। शिवहर सड़क पर मीनापुर के समीप करीब 125 परिवार पॉलीथिन के सहारे रह रहे हैं। धूप में तपना और बारिश में भीगना इन बाढ़ पीड़ितों की नियति बन गई है। कोविड के खतरा के साथ-साथ सांप-बिच्छू का खतरा भी हमेशा बना रहता है। सरकारी दावों से इतर इंदल कुमार बतातें हैं कि चारा के अभाव में मवेसी कई रोज से भूखे हैं।

अंचल प्रशासन का दावा
मीनापुर अंचल प्रशासन की माने तो अब तक बाढ़ से 7,500 परिवार विस्थापित होकर सड़क किनारे या बांध पर शरण लिए हुआ है। अंचलाधिकारी रामजपी पासवान बताते हैं कि विस्थापितों के लिए नौ सामुदायकि किचन चलाया जा रहा है। विस्थापित परिवारों के बीच तीन हजार से अधिक पॉलीथिन शीट का वितरण कर दिया है। दूसरी ओर सांसद वीणा देवी ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए पीड़ितो को दोनो शाम की भोजन और शुद्ध पेयजल देने की मांग की है। इससे पहले विधायक मुन्ना यादव ने भी प्रशासन पर गलत बयानी करने का आरोप लगाते हुए पीड़ितो को उनके भाग्य भरोसे छोड़ देने का आरोप लगाया है।
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