बिहार में पिछले कुछ दिनों से मॉनसून की रफ्तार धीमी हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार इस समय राज्य के अधिकतर हिस्सों में सामान्य या हल्की बारिश हो रही है। पटना मौसम केंद्र ने सोमवार, 18 अगस्त को राज्य के 17 जिलों में आंधी और वज्रपात को लेकर Yellow Alert in Bihar जारी किया है।
इन जिलों में भागलपुर, पूर्णिया, गोपालगंज, सारण, बेतिया, मोतिहारी, सीवान, सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, सहरसा और मधेपुरा शामिल हैं। इन जगहों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएँ चल सकती हैं और साथ ही आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा रहेगा।
जहाँ उत्तर और पूर्वी बिहार में येलो अलर्ट है, वहीं राजधानी पटना और दक्षिण बिहार के जिलों में मौसम सामान्य बने रहने के आसार हैं। इन हिस्सों में हल्के बादल तो रहेंगे लेकिन भारी बारिश की संभावना नहीं है। मॉनसून की कमजोर धाराएँ इस समय दक्षिण बिहार से दूर चली गई हैं, जिसकी वजह से यहाँ बारिश थमी हुई है।
मौसम विभाग ने विशेष रूप से उत्तर बिहार और सीमांचल के जिलों में वज्रपात की आशंका जताई है। सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे इलाके आंधी-तूफ़ान और बिजली गिरने की घटनाओं के लिए अधिक संवेदनशील माने जाते हैं। किसानों और ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे खुले खेतों में काम करने से बचें और खराब मौसम के समय घरों या सुरक्षित स्थानों पर रहें।
हर साल बिहार में आकाशीय बिजली बड़ी संख्या में जान लेती है। इस वजह से सरकार और मौसम विभाग लगातार लोगों को सावधान रहने की अपील कर रहे हैं।
इन 17 जिलों में बारिश के साथ तेज़ हवाएँ भी चलने की संभावना है। कई जगहों पर पेड़-पौधों और कमजोर ढाँचों को नुकसान हो सकता है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे घरों के आसपास खुले में रखे सामान को सुरक्षित जगह पर रखें। किसानों को भी फसल और पशुओं को बचाने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने बताया है कि 20 अगस्त के बाद Bihar Monsoon Forecast के अनुसार राज्यभर में बारिश की गतिविधियाँ बढ़ेंगी। इस दौरान उत्तर से लेकर दक्षिण बिहार और सीमांचल के जिलों तक झमाझम बारिश होगी।
20 से 24 अगस्त के बीच लगातार बारिश का दौर रहने का अनुमान है। इससे किसानों की चिंता कम होगी और खेतों में नमी की स्थिति सुधरेगी।
बिहार की खेती पूरी तरह मॉनसून पर निर्भर है। धान की फसल को समय पर और पर्याप्त बारिश की ज़रूरत होती है। पिछले कुछ दिनों से बारिश कम होने के कारण किसानों में चिंता बढ़ गई थी। नहरों और तालाबों में भी पानी का स्तर घट गया था।
यदि अगस्त के अंत तक बारिश अच्छी हुई तो धान की फसल को बड़ा लाभ मिलेगा। इससे मिट्टी की नमी भी ठीक होगी और सिंचाई की दिक्कतें कम होंगी।
बिहार में हर साल बारिश का पैटर्न अलग होता है। कई बार उत्तर बिहार में बाढ़ आती है तो दक्षिण बिहार सूखा झेलता है। साल 2023 में भी उत्तर बिहार में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी थी जबकि दक्षिण बिहार में वर्षा सामान्य रही थी।
इस साल अगस्त में बारिश का स्तर थोड़ा कम है, लेकिन विभाग का मानना है कि अगले चरण की वर्षा मौसमी औसत को संतुलित कर देगी।
बिहार सरकार ने सभी जिलों को मौसम अलर्ट को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने टीमों को अलर्ट पर रखा है। स्वास्थ्य विभाग को भी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को तैयार रखने को कहा गया है ताकि बिजली गिरने या आंधी-तूफ़ान से किसी हादसे पर तुरंत मदद मिल सके।
गाँवों में लोगों को मोबाइल ऐप और मैसेज के जरिए मौसम की जानकारी दी जा रही है। प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि वे आंधी और बिजली के समय घरों में रहें और सावधानी बरतें।
आकाशीय बिजली बिहार के लिए बड़ी चुनौती है। पिछले पाँच वर्षों में सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आकर जान गँवा चुके हैं। अधिकतर पीड़ित किसान और मजदूर होते हैं जो खेतों में काम करते समय तूफ़ान में फँस जाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ छोटे-छोटे उपाय अपनाकर लोग अपनी जान बचा सकते हैं। जैसे तूफ़ान के समय पेड़ों के नीचे खड़े न होना, धातु की वस्तुओं से दूरी बनाना और मोबाइल फोन बंद रखना।
मौसम विभाग का येलो अलर्ट आने वाले दिनों में आम जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। कई जिलों में यातायात पर असर पड़ सकता है। ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों और कमजोर संरचनाओं को नुकसान हो सकता है।
कुछ जिलों में स्कूलों को भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बारिश और आंधी की वजह से बिजली सप्लाई बाधित हो सकती है।
20 अगस्त के बाद होने वाली भारी बारिश किसानों के लिए राहत लाएगी लेकिन साथ ही बाढ़ का खतरा भी बढ़ा सकती है। बिहार की नदियाँ कोसी, गंडक और बागमती अक्सर मॉनसून में उफान पर रहती हैं।
सरकार ने बाढ़ नियंत्रण टीमों को पहले से ही अलर्ट पर रखा है। तटबंधों की निगरानी की जा रही है और जरुरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजने की तैयारी की गई है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में मॉनसून सितंबर के अंत तक सक्रिय रहेगा। इस दौरान कभी हल्की तो कभी तेज़ बारिश देखने को मिलेगी। यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा लेकिन अचानक हुई भारी वर्षा बाढ़ जैसी स्थिति भी पैदा कर सकती है।
मौसम विभाग ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि वे येलो अलर्ट को हल्के में न लें। आंधी और बिजली दोनों खतरनाक साबित हो सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन के संपर्क में रहने और सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।
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