पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक संपन्न हो गई। इस बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 16 एजेंडों को स्वीकृति दी गई। कैबिनेट के इन फैसलों से बिहार में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों, पर्यटन क्षेत्र, शिक्षकों और कृषि क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा।
सबसे अहम फैसला सरकारी नौकरी की परीक्षाओं की फीस को कम करने को लेकर हुआ। अब बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC), बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC), बिहार तकनीकी सेवा आयोग (BTSC), बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग और केंद्रीय सिपाही चयन पर्षद जैसी संस्थाओं द्वारा ली जाने वाली आवेदन फीस घटाकर केवल 100 रुपये कर दी गई है।
इसके अलावा, मुख्य परीक्षा की फीस पूरी तरह माफ कर दी गई है। यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गांधी मैदान से की गई अपनी घोषणा के अनुरूप लिया। अब कैबिनेट ने भी इसे मंजूरी दे दी है।
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हजारों युवाओं के लिए यह निर्णय बड़ी राहत साबित होगा। पहले एक से अधिक परीक्षाओं के लिए आवेदन करने पर भारी फीस देनी पड़ती थी। अब मात्र 100 रुपये में आवेदन संभव होगा।
मुख्य परीक्षा की फीस माफ होने से गरीब और ग्रामीण इलाकों के अभ्यर्थियों के लिए competition exams में भाग लेना आसान होगा। इससे अधिक संख्या में उम्मीदवार इन परीक्षाओं में हिस्सा ले पाएंगे।
कैबिनेट ने बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी अहम कदम उठाया है। इसके तहत नालंदा जिले के राजगीर में दो फाइव स्टार होटल और वैशाली में एक फाइव स्टार रिसॉर्ट बनाने की स्वीकृति दी गई है। यह प्रोजेक्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP Model) के तहत विकसित किया जाएगा।
राजगीर और वैशाली दोनों ऐतिहासिक व सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थल हैं। यहां आधुनिक और विश्वस्तरीय होटल व रिसॉर्ट बनने से पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।
कैबिनेट ने राज्य स्तर पर शिक्षक सम्मान पुरस्कार पाने वाले शिक्षकों की पुरस्कार राशि बढ़ाने का भी फैसला लिया है। पहले यह राशि 15,000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है। यह बदलाव वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू होगा।
इस फैसले को शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
कैबिनेट ने स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व मंत्री उपेंद्र नाथ वर्मा की जयंती को राज्य समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। अब हर साल 23 अगस्त को गया जिले में स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर राजकीय कार्यक्रम आयोजित होगा।
सरकार का यह फैसला युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष और योगदान से जोड़ने का प्रयास है।
कैबिनेट ने गन्ना उद्योग विभाग के लिए बिहार ईख विकास सेवा (भर्ती, प्रोन्नति और सेवा शर्तें) नियमावली, 2025 को भी मंजूरी दी है।
बिहार में गन्ना उत्पादन और चीनी उद्योग लाखों किसानों की जीविका का आधार है। नई नियमावली से इस क्षेत्र में भर्ती और सेवा शर्तों को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने की उम्मीद है।
नीतीश कुमार सरकार के ये फैसले सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। युवाओं को सस्ती परीक्षा फीस से सीधा लाभ मिलेगा, पर्यटन क्षेत्र में निवेश से रोजगार बढ़ेगा, शिक्षकों के लिए पुरस्कार राशि बढ़ने से शिक्षा क्षेत्र मजबूत होगा और कृषि उद्योग के लिए नई सेवा नियमावली से किसानों को सहारा मिलेगा।
यह निर्णय सरकार की विकास और सामाजिक कल्याण की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक से कई बड़े फैसले सामने आए हैं। इनमें सरकारी नौकरी परीक्षाओं की फीस कम करना, पर्यटन क्षेत्र में होटल और रिसॉर्ट बनाना, शिक्षकों की पुरस्कार राशि बढ़ाना, स्वतंत्रता सेनानी उपेंद्र नाथ वर्मा को सम्मानित करना और गन्ना उद्योग विभाग में नई सेवा नियमावली शामिल हैं।
अगर ये फैसले सही ढंग से लागू होते हैं, तो आने वाले समय में बिहार की शिक्षा, पर्यटन और रोजगार व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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