1987 में भारत की लोकतांत्रिक नींव उस वक्त हिल गई थी, जब राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बर्खास्त करने की तैयारी कर ली थी। ‘PMO-Red-6’ नाम की वह सीक्रेट फाइल आज भी राष्ट्रपति भवन की लाइब्रेरी में ‘क्लासिफाइड’ पड़ी है। इस कहानी में जानिए, कैसे बोफोर्स घोटाले के बाद शुरू हुआ यह संवैधानिक शीतयुद्ध, एक अनदेखी राजनीतिक टकराव की गवाही बन गया। कौन-कौन शामिल थे इस ‘संवैधानिक विद्रोह’ की पटकथा में? कैसे रोकी गई एक क्रांतिकारी कार्रवाई?
This post was last modified on अगस्त 12, 2025 11:53 अपराह्न IST 23:53
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