सरकारी दफ़्तरों में फाइलें तभी चलती हैं जब जेबें गरम हों — क्या वाकई ऐसा ही होता है? “अंजुमन” में आज सुनिए रवि कुमार की कहानी, जिसने भू-अधिकार प्रमाण पत्र के लिए भ्रष्ट सिस्टम से लड़ाई लड़ी। कैसे एक मामूली युवक ने शीतल बाबू जैसे रसूखदार दलालों की नींव हिला दी? क्या वाकई जनता की आवाज़ से बदलाव संभव है? पूरी कहानी सुनिए – सच्चाई, संघर्ष और क्रांति की प्रेरक दास्तां।
This post was last modified on मई 12, 2025 6:59 अपराह्न IST 18:59
बिहार में कैंसर के इलाज के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री… Read More
मुंबई पुलिस ने हाल ही में एक बड़े साइबर फ्रॉड रैकेट का खुलासा किया है,… Read More
आजकल सोशल मीडिया पर Manifestation शब्द काफी ट्रेंड कर रहा है। इसका मतलब है Law… Read More
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्रीय गृह मंत्री… Read More
भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के… Read More
तमिल सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के अध्यक्ष विजय ने 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनावों… Read More