क्या आपने कभी किसी ऐसे इंसान को देखा है… जो हर दिन अपना रंग बदलता हो? जिसके पास सब कुछ हो, लेकिन फिर भी वह अंदर से टूटा और अकेला हो? आज की यह कहानी एक ऐसे ही व्यक्ति विष्णु सहाय की है, जिसने अपने शक, कटाक्ष और तुनकमिजाजी की वजह से अपने जीवन के सबसे खूबसूरत रिश्तों को खो दिया। एक बेटी, जो दरवाजे तक आई… लेकिन बाप उसे पहचान न सका। एक पत्नी, जो वर्षों बाद वृद्धाश्रम में मिली… लेकिन लौटकर नहीं आई। क्या विश्वास का टूटना ही हर दर्द की शुरुआत है? देखिए इस इमोशनल कहानी को अंत तक, और जानिए कि क्यों “रंग बदलना” कभी-कभी इंसान को सबसे ज्यादा अकेला कर देता है।
भारत का एक ऐसा गीत है जिसे सुनते ही आंखें नम हो जाती हैं और… Read More
रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की ओर से आयोजित होने वाली NTPC अंडरग्रेजुएट लेवल भर्ती परीक्षा… Read More
कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को एक बार फिर चीन विवाद को लेकर मोदी सरकार पर… Read More
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पांच मैचों की Test Series में रनों की… Read More
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री तमन्ना भाटिया, जिन्हें इंडस्ट्री में "मिल्की ब्यूटी" के नाम से जाना… Read More
भारत द्वारा हाल ही में किए गए Operation Sindoor के प्रभाव से हतप्रभ पाकिस्तान ने… Read More