दोस्त हो या दुश्मन, आम हो या खास यहां सभी खुश है

दिल्‍ली काे दर्शाती एक प्र‍त‍िकात्‍मक तस्‍वीर

KKN न्‍यूज ब्यूरो। एहसास, इंसान की अहमियत को बढ़ा देता है। एहसास, काबिलियत को बढ़ा देता है और यदि एहसास खुशी की हो, तो फिंजा में इसके होने का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। दिल्ली की फिंजा में इनदिनो इस खुशी को महसूस किया जा सकता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी पार्टी खुश है। क्योंकि, जबरदस्त तरीके से सत्ता में वापस लौट कर उन्होंने इतिहास रच दिया। बीजेपी खुश है। क्योंकि, दिल्ली, कॉग्रेस मुक्त हो गई और कॉग्रेस खुश है कि बीजेपी सत्ता से दूर रह गई। यानी, दिल्ली में सभी खुश है।

इधर, दिल्ली की जनता भी खुश है। बिजली, पानी और यात्रा किराया में राहत लेकर। एग्जिट पोल के सटीक होने से मीडिया खुश है। सीएए पर सरकार और कोर्ट को बैकफुट करके शाहीनबाग के लोग खुश है। खोमचा और फेरी वाला भी खुश है। बिक्री जो बढ़ गई है। विद्यालय नहीं जाने से बच्चे खुश है। स्कूल बंद होने से शाहीनबाग के शिक्षक खुश है। मुफ्त में बिरयानी खाकर आंदोलनकारी खुश है। हिन्दू और मुसलमानो के बीच बढ़ रही दूरी को देख कर पड़़ोसी पाकिस्तान खुश है। विपक्ष खुश है। क्योंकि, उसको बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया। सरकार खुश है। क्योंकि, आमलोगो का ध्यान बेरोजगारी से हट गया। यानी, प्रदूषण के लिए बदनाम हो चुकी दिल्ली की फिंजा में इनदिनो खुशी को महसूस किया जा सकता है।

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